कांग्रेस ने 2022 में चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना
By : hashtagu, Last Updated : July 28, 2023 | 12:01 pm
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ”19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट दिए जाने के बाद से, मोदी सरकार ऐसा व्यवहार कर रही है, जैसे वह चीन पर सख्त हो रही है, और कोई समझौता नहीं किया गया है।जबकि चीनी सैनिक पिछले एलएसी समझौतों का उल्लंघन कर रहे हैं।”
राज्यसभा सांसद ने कहा, “16 नवंबर, 2022 को, बाली में मादी व शी के बीच रात्रिभोज पर हुई बातचीत को महज ‘शिष्टाचार का आदान-प्रदान’ बताया गया। जबकि 25 जुलाई, 2023 को, चीनी विदेश मंत्रालय के एक बयान में बाली मेें प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी,के बीच “महत्वपूर्ण सहमति” का उल्लेख किया गया।”
कांग्रेस नेता ने कहा, 27 जुलाई को, हमारे विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि बाली में दोनों नेताओं के बीच शिष्टाचार से आगे जाकर चर्चा हुई, तो क्या यह प्रधान मंत्री मोदी द्वारा रियायत है? क्या चीनी सैनिक आखिरकार देपसांग और डेमचोक से हट जाएंगे, जहां उन्होंने तीन साल से भारतीय गश्त को और अधिक बाधित कर दिया है। इस बीच, दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध ऐसे आगे बढ़ रहे हैं जैसे कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ कभी हुई ही न हो।
उनकी टिप्पणी विदेश मंत्रालय द्वारा गुरुवार को पुष्टि किए जाने के एक दिन बाद आई है कि प्रधान मंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने पिछले नवंबर में बाली में जी 20 शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर चर्चा की थी, चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि दोनों नेता उस समय इस मुद्दे पर”आम सहमति” पर पहुंचे थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पुष्टि की कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत का दृष्टिकोण यह है कि एलएसी पर स्थिति एक प्रमुख मुद्दा है, जिसे हल किया जाना चाहिए।
बागची ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछले साल बाली जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की।”
बागची ने कहा, “मुझे लगता है कि विदेश सचिव ने उल्लेख किया था, शायद उन्होंने इसके दूसरे भाग का उल्लेख नहीं किया था। उन्होंने शिष्टाचार के आदान-प्रदान के बारे में बात की थी और मुझे लगता है कि एक सामान्य चर्चा हुई थी या हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की गई थी।”