अयोध्या में राम मंदिर शिखर पर फहरी धर्म ध्वजा, पीएम मोदी बोले—‘राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं’
By : dineshakula, Last Updated : November 25, 2025 | 2:14 pm
अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर सोमवार को अभिजीत मुहूर्त में धर्म ध्वजा फहरा दी गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए इस अनुष्ठान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हाथ जोड़कर भगवान राम को नमन किया। जैसे ही धर्म ध्वजा हवा में लहराई, रामनगरी उत्सव और आध्यात्मिक माहौल में डूब गई। शहर की गलियों में धार्मिक जयकारे गूंजते रहे और हजारों श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर मंदिर परिसर को भक्तिमय बना दिया।
धर्म ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है। इस पर सूर्यवंश का प्रतीक, कोविदार वृक्ष और ‘ॐ’ अंकित है। इसे इलेक्ट्रिक सिस्टम के माध्यम से शिखर पर स्थापित किया गया। यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता और देश की सांस्कृतिक आस्था के प्रतीक की तरह देखा जा रहा है।
अयोध्या में सात सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने नृत्य और गायन प्रस्तुत कर माहौल को और भव्य बना दिया। साधु-संतों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच पूरा आयोजन शांतिपूर्ण रहा।
धर्म ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘राम भेद से नहीं, भाव से जुड़ते हैं। उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं, उसकी भक्ति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने महिला, दलित, पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान, श्रमिक और युवा हर वर्ग को विकास के केंद्र में रखा है। उन्होंने कहा कि जब हर वर्ग सशक्त होगा, तभी 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूर्ण होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान राम का जीवन मर्यादा, सदाचार और कर्तव्य का सर्वोच्च उदाहरण है। उन्होंने लोगों से राम के चरित्र से सीखने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि राम मंदिर परिसर में माता शबरी, निषादराज, माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य और संत तुलसीदास के मंदिर स्थापित किए गए हैं। साथ ही जटायु और गिलहरी की मूर्तियां बड़े संकल्पों में छोटे प्रयासों के महत्व को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह धर्मध्वज प्रेरणा देता है कि ‘प्राण जाए पर वचन न जाए।’ यह संदेश देता है कि कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो तथा समाज में भेदभाव, पीड़ा और भय से मुक्ति मिले। उन्होंने कहा कि यह ध्वज शांति, सौहार्द और सुख की कामना का प्रतीक रहेगा।




