एकनाथ शिंदे गुट को मिला शिवसेना पार्टी का नाम और ‘तीर-कमान’ चुनाव चिह्न्
By : hashtagu, Last Updated : February 17, 2023 | 11:27 pm
आयोग ने कहा, जब भी चुनाव हुए या नियुक्तियां की गईं, विभिन्न निकायों के पदाधिकारियों की पूरी सूची आयोग को उपलब्ध नहीं कराई गई। चुनाव आयोग ने पाया कि 2018 में संविधान में संशोधन ने चुनाव आयोग के आग्रह पर दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा लाए गए ‘1999 के पार्टी संविधान’ में लोकतांत्रिक मानदंडों को पेश करने के कार्य को पूर्ववत कर दिया था।
चुनाव आयोग के आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिसे 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से वापस लाया गया है, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई है। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा- भारत के विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने और इसके राजनीतिक क्षेत्र में कुछ पार्टियों द्वारा कब्जा किए जाने का विरोधाभास, जिन्हें जागीर माना जा रहा है, अलग हो रहा है। वास्तव में कार्यशील लोकतंत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि प्रमुख हितधारकों में से एक, जो राजनीतिक दल हैं, लोकतांत्रिक तरीके से चलाए जाए और बदले में यह तभी सुनिश्चित किया जा सकता है जब उनके द्वारा अपनाया जा रहा संविधान कुछ लोगों के हाथों में सत्ता की एकाग्रता की अनुमति नहीं देता है।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि ‘बाला साहेबंची शिवसेना’ का नाम और दो तलवार और ढाल का प्रतीक, जो अंतरिम आदेश के माध्यम से याचिकाकर्ता को आवंटित किया गया था, अब तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा।