नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों (opposition parties)का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को चुनाव आयोग के कार्यालय पहुंचा था। जहां विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग के समक्ष पोस्टल बैलेट(postal ballot) का मुद्दा रखा था। विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि मतगणना के दौरान पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाए।
इसको लेकर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पोस्टल बैलेट एक जानी-मानी प्रक्रिया है और कई बार यह चुनाव परिणाम में निर्णायक साबित होते हैं। ऐसे में विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की कि पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले करना, पहले की भांति अनिवार्य रखा जाए।
चुनाव आयोग की तरफ से विपक्ष के इस विचार को मान लिया गया है और इसको लेकर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है कि 4 जून को होने वाली मतगणना के दौरान सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी। ऐसे में चुनाव आयोग के इस निर्णय को लेकर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बयान जारी कर कहा कि विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को चुनाव आयोग से मिलने पहुंचा था। जहां चुनाव आयोग ने रविवार को हमें तुरंत समय दिया और धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी गई। इसके लिए हम चुनाव आयोग के आभारी हैं।
उन्होंने आगे बयान में कहा कि इससे भी ज्यादा खुशी इस बात की हुई कि चुनाव आयोग ने लोकतंत्र के एक ज्वलंत मुद्दा, जिसकी हम मांग लेकर उनके समक्ष गए थे कि पहले डाक मतपत्रों की गिनती हो, उस पर ईसीआई द्वारा सहमति व्यक्त की गई। वोटों की गिनती से दो दिन पहले विपक्ष के अनुरोध को विनम्रतापूर्वक और तुरंत सहमति आयोग के द्वारा प्रदान की गई। इसे मंगलवार को मतगणना के समय लागू किया जाएगा।
यह तीसरा मौका है, जब मल्टी पार्टी डेलिगेशन चुनाव आयोग से मिलने गया है। इस बार जब विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग से मिलने पहुंचे तो सबसे अहम मुद्दा यह था कि पोस्टल बैलेट चुनाव के परिणाम को एक से दूसरी दिशा में ले जा सकते हैं। उन्होंने आयोग के सामने इस बात को रखा कि चुनाव आयोग के नियम में कहा गया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पहले की जाएगी।