Emergency@50: पीएम मोदी ने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में साझा की 1975 की कहानी

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: "आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए एक बड़ा सीखने का अनुभव था।

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  • Publish Date - June 25, 2025 / 05:09 PM IST

नई दिल्ली: देश में आपातकाल (emergency) के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ नामक एक पुस्तक के ज़रिए 1975-77 के अपने अनुभव साझा किए हैं। इस किताब में उन्होंने आपातकाल के दौर में एक युवा आरएसएस प्रचारक के रूप में अपनी भूमिका, अनुभव और उस समय की सीख को विस्तार से बयां किया है।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा: “आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए एक बड़ा सीखने का अनुभव था। इसने लोकतंत्र के महत्व को समझने और उसे संरक्षित रखने की भावना को मजबूत किया।”

उन्होंने आगे लिखा कि इस दौरान उन्हें विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के लोगों से भी बहुत कुछ सीखने को मिला और यह समय उनके जीवन का एक निर्णायक मोड़ रहा।

पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि “जो लोग आपातकाल के उन काले दिनों के साक्षी रहे हैं या जिनके परिवारों ने उस दौर में कष्ट झेले हैं, वे अपने अनुभव साझा करें ताकि नई पीढ़ी उस शर्मनाक इतिहास को जान सके और लोकतंत्र की कीमत समझ सके।”

किताब का विशेष उल्लेख: ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में 25 जून 2024 को पीएम मोदी द्वारा दिए गए उस बयान का भी उल्लेख है जिसमें उन्होंने कहा था कि “भारत की नई पीढ़ी को कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे संविधान को पूरी तरह दरकिनार कर देश को जेल में तब्दील कर दिया गया, जहां लोकतांत्रिक अधिकारों को बर्बरतापूर्वक कुचला गया।”25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय माना जाता है। इस दौरान मीडिया पर सेंसरशिप, राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी, और सिविल लिबर्टीज का निलंबन जैसे गंभीर कदम उठाए गए थे।