मुंबई । महाराष्ट्र में गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में हुआ। यहां भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ(Devendra Fadnavis sworn in as Chief Minister of the state for the third time) ली। शपथ समारोह के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह साक्षी बने।
फडणवीस के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे दोनों ने बतौर उपमुख्यमंत्री शपथ (Ajit Pawar and Shiv Sena chief Eknath Shinde both took oath as Deputy Chief Ministers.)ली। महाराष्ट्र की नई सरकार के शपथ ग्रहण में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन भी दिखा। शपथ ग्रहण समारोह में देश भर से एनडीए के कई मुख्यमंत्री और नेता भी पहुंचे।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान पहुंचे। केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, केंद्रीय मंत्री और आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने भी यहां कार्यक्रम में शिरकत की।
वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ ली। उन्होंने शपथ ग्रहण करने के दौरान सबसे पहले बोला मी देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस ईश्वर साक्ष शपथ घेतो….। शपथ ग्रहण के दौरान भी उन्होंने अपने नाम के साथ अपनी मां का नाम जोड़ा। फडणवीस को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शपथ दिलाई। समारोह के कार्ड में भी फडणवीस के नाम के साथ उनकी मां का नाम लिखा गया था। सरिता उनकी मां हैं और गंगाधर राव उनके पिता का नाम है। ऐसा पहली बार हुआ जब भाजपा नेता ने आधिकारिक तौर पर अपनी मां का नाम लिखा।
महाराष्ट्र में अधिकांश लोग स्थानीय मान्यता के मुताबिक अपने नाम के बीच में पिता का नाम लिखते हैं। मगर देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण समारोह के कार्ड के उनके नाम के बीच में मां का नाम लिखे होने को लेकर चर्चा का आलम है। देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले उन्होंने 2014 और 2019 में भी शपथ ली थी। मगर उन्होंने तब अपनी मां का नाम शामिल नहीं किया था। इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र में भी उन्होंने अपना नाम देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस लिखा था। समारोह के कार्ड में भी फडणवीस के नाम के साथ उनकी मां का नाम लिखा गया था। इसमें उनका पूरा नाम देवेंद्र सरिता गंगाधरराव फडणवीस लिखा था।
54 साल के देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं। वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे हैं। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 22 जुलाई 1970 को नागपुर में एक मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में देवेंद्र फडणवीस का जन्म हुआ था। उनके माता-पिता काफी प्रतिष्ठित थे, जो सार्वजनिक सेवा और सामाजिक सक्रियता में सक्रिय रूप से शामिल थे। देवेंद्र के पिता गंगाधरराव फडणवीस जनसंघ के सदस्य थे और वह नागपुर से महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे। आपातकाल के दौर में जब देश भर में विरोधी नेताओं को जेल में डाला गया तो उनमें से एक देवेंद्र के पिता गंगाधरराव भी थे। गंगाधरराव को एक विरोध रैली के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें लंबे समय तक जेल में रखा गया। उनके पिता की कैंसर से मौत हो गई थी। तब देवेंद्र 16 साल के थे। उनकी माता सरिता फडणवीस अमरावती के प्रतिष्ठित कालोटी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे विदर्भ हाउसिंग क्रेडिट सोसाइटी की पूर्व निदेशक रह चुकी हैं।
चुनाव में जीत के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की मां सरिता फडणवीस ने कहा था कि उनका बेटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा है और भाजपा में हर कोई चाहता है कि वह महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बने। उनका बेटा चुनौतियों से पार पाना जानता है। पार्टी में हर कोई चाहता है कि वह अगला मुख्यमंत्री बने। यह स्पष्ट है कि अन्य लोग भी चाहते हैं कि वह यह भूमिका निभाए। वह वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा है, जो उसे अपना बेटा मानते हैं। उनके बेटे की अथक मेहनत और लोगों के प्यार ने उन्हें यह जीत दिलाई। पिछले दो वर्षों में विपक्ष की तरफ से उनके बेटे को निशाना बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यही कारण है कि उन्होंने खुद को आधुनिक समय का अभिमन्यु बताया। वह जानते हैं कि चुनौतियों का सामना कैसे करना है।
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