बेंगलुरु, 20 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरूनी कलह बढ़ती दिख रही है। अब सहकारिता मंत्री केएन. राजन्ना (Cooperative Minister KN. Rajanna) ने कहा है कि अगर डिप्टी सीएम (Deputy CM) के तीन पद नहीं बनाए गए तो सरकार ‘अस्थिर’ हो जाएगी। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए राजन्ना ने लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें जीतने के लिए राज्य में तीन डिप्टी सीएम पद बनाने पर जोर दिया।उनका कहना है कि यह समझना गलत है कि सीएम सिद्दारमैया मुझे इस मामले पर बात करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मैं हाल के दिनों में सीएम सिद्दारमैया से नहीं मिला हूं। यह कहना भी गलत है कि अगर तीन और डिप्टी सीएम बनाए गए तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार अपनी प्रमुखता खो देंगे।
उन्होंने आगे कहा ”मैं उनसे नहीं मिला हूं, क्योंकि वह कावेरी विवाद को संभालने में व्यस्त हैं। मैंने तीन डिप्टी सीएम पदों के सृजन का प्रस्ताव दिया है। एक उत्पीड़ित वर्ग से होना चाहिए और अन्य दो को लिंगायत और अल्पसंख्यक समुदायों से चुना जाना चाहिए।”
मंत्री राजन्ना ने दावा किया कि वह इस विचार के साथ बोल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में झटका लगने की स्थिति में सरकार को अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “तीन डिप्टी सीएम की मांग करने में क्या गलत है। मैंने पार्टी हित में इसका प्रस्ताव आलाकमान को दिया है।”
ऐसा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्रियों दिवंगत बीडी जत्ती और रामकृष्ण हेगड़े के समय में हुआ था। इसकी क्या गारंटी है कि इस बार इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी? इस पृष्ठभूमि में, समुदाय के अनुसार नेतृत्व दिया जाना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि सिद्दारमैया खेमा डिप्टी सीएम शिवकुमार की स्थिति को कमजोर करने की रणनीति बना रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में 20 से अधिक सीटें जीतने और राज्य में सीएम पद के लिए दावा पेश करने की चुनौती ली थी। मंत्री राजन्ना सिद्दारमैया के वफादार और पिछड़े समुदाय के शक्तिशाली नेता हैं। उन्होंने पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के परिवार को चुनौती दी थी और पिछले लोकसभा चुनाव में तुमकुरु लोकसभा सीट से देवेगौड़ा की हार सुनिश्चित की थी।