बेंगलुरु, 26 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने गुरुवार को कहा कि वह दोषी नहीं हैं और अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जेडीएस (जनता दल-धर्मनिरपेक्ष) ने कहा था कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाला मामले में विशेष अदालत के आदेश के मद्देनजर सिद्धारमैया को पद छोड़ देना चाहिए। उनकी इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सिद्दारमैया ने कहा कि मैं दोषी नहीं हूं और अपने पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
सीएम सिद्दारमैया ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “मैंने कोई गलती नहीं की है। इसलिए मुझे इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। कई भाजपा नेता जमानत पर हैं, क्या इससे उन्हें शर्मिंदगी नहीं होती? क्या उनमें से किसी ने अपना इस्तीफा दिया है?”
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के तौर पर मीडिया को बता रहा हूं कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया इस्तीफा नहीं देंगे।”
शिवकुमार ने कहा, “वह अपना इस्तीफा नहीं देंगे। सीएम सिद्दारमैया के पद छोड़ने का प्रस्ताव नहीं आएगा। यह भाजपा और जेडीएस की साजिश है। वे गारंटी योजनाओं की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।”
ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि भाजपा ने सीएम सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य में अपना आंदोलन तेज कर दिया है। पार्टी ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया। विधानसभा का घेराव करने का प्रयास करने पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
इस बीच, सीएम सिद्दारमैया ने राज्य गृह मंत्री जी. परमेश्वर, कानून मंत्री एचके पाटिल, मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार, कांग्रेस विधायक एएस पोन्नन्ना और कानूनी विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की गई। दरअसल, विशेष अदालत ने मुडा मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया था।
सीएम सिद्दारमैया विधानसभा में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि वे मंत्रिपरिषद का समर्थन मांगेंगे और इस संबंध में घोषणा करेंगे। कैबिनेट बैठक में सीएम सिद्दारमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत की कथित पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रपति से संपर्क करने के विकल्प पर भी विचार किए जाने की उम्मीद है।
कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने बुधवार को लोकायुक्त को मुडा घोटाले में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था। अदालत ने लोकायुक्त को तीन महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा है और सक्षम अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश भी दिया।