कोलकाता, 31 जनवरी (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banarjee) ने मंगलवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को अप्रत्यक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले का लाभार्थी बताया। उन्होंने कहा कि जब वह तृणमूल कांग्रेस (Trimool Congress) के साथ थे और राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री भी थे, उस दौरान लाभ लिया था। ममता ने मंगलवार को मालदा में प्रशासनिक समीक्षा बैठक में हालांकि शुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा, “एक गद्दार जो डकैत भी था, जब वह पुरुलिया जिले के लिए विशेष पर्यवेक्षक था, इसके लिए जिम्मेदार था। उसने पुरुलिया के कोटे का इस्तेमाल अपनी जेब भरने के लिए किया। मैं अदालत से इस मामले पर ध्यान देने का अनुरोध करूंगी। मुझे खुशी है कि देशद्रोही-सह-डकैत ने मेरी पार्टी छोड़ दी है।”
शुभेंदु अधिकारी जब राज्य के परिवहन मंत्री थे, तब वह पुरुलिया जिले के लिए तृणमूल कांग्रेस के विशेष पर्यवेक्षक भी थे।
वहीं, ममता ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी में कोई भी घोटाले में शामिल होने का दोषी पाया जाता है, तो पार्टी नेतृत्व उसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा।
उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि जब भी कोई तृणमूल छोड़ता है, तो वह मुख्यमंत्री के लिए देशद्रोही या डाकू बन जाता है।
घोष ने सवाल किया, “जब वे उसके साथ थे तो वही लोग साफ थे। यह किस तरह की राजनीति है।”
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक समीक्षा बैठक में एक बार फिर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए केंद्रीय क्षेत्र निरीक्षण टीमों का उपयोग करके राज्य सरकार को अनावश्यक ‘परेशान’ करने की कोशिश की जा रही है।
ममता ने कहा, “यह अनावश्यक उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है। पहले केंद्र सरकार को 1,00,000 करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए। यह अर्थशास्त्र नहीं, संकीर्ण राजनीति है।”