मोहन भागवत ने 75 की उम्र में रिटायरमेंट पर दी सफाई
By : hashtagu, Last Updated : August 29, 2025 | 12:05 pm
नई दिल्ली: हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 75 साल की उम्र पार होने पर व्यक्ति को “कुछ किनारे हटने” का विचार करना चाहिए। इस टिप्पणी के बाद कई जगह यह माना गया कि यह प्रकट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जो सितंबर 2025 में 75 वर्ष के हो रहे हैं) की ओर संकेत था। विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए कि क्या यह संघ या भाजपा की अप्रकाशित नीति है।
भागवत की स्पष्टीकरण—वास्तव में क्या कहा गया?
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75 साल की उम्र पर संन्यास का कोई नियम नहीं:
RSS प्रमुख ने साफ़ कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि “मैं या किसी और को 75 पर रिटायर होना चाहिए।” उन्होंने इस तरह की किसी भी उम्र आधारित नियम की बात का दावा अस्वीकार किया।संविधानिक पदों के लिए यह नियम लागू नहीं होता:
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “75‑साल की रिटायरमेंट रूल” कोई औपचारिक नियम नहीं है—और यह संविधान से जुड़े पदों पर लागू नहीं होता। निर्णय लेने का अधिकार संबंधित संगठनों या पार्टी का होता है। -
विस्तारित विषयों पर भी बोले भागवत:
एक कार्यक्रम (RSS के 100 वर्ष समारोह) में भागवत ने कहा कि संघ में 75 की उम्र पर सिफारिश एक नैतिक विचार हो सकता है, लेकिन यह किसी नियम के रूप में नहीं। उन्होंने आरक्षण, जनसंख्या नीति और भाषा (विशेषकर भारतीय भाषाओं और संस्कृत की स्थिति) जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी अपनी राय रखी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
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विपक्ष की टिप्पणी:
कांग्रेस ने कहा कि यदि यह विचार सच में लागू है, तो प्रधानमंत्री मोदी को इसका सम्मान करना चाहिए—”अपना बैग उठाकर तैयार हो जाइए” जैसे व्यंग्यपूर्ण टिप्पणियाँ भी सामने आईं। -
कुछ भाजपा नेताओं की सहमति भी:
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता सीताशरण शर्मा ने कहा कि उम्र पार होने पर नई पीढ़ी को नेतृत्व का मौका देना नैतिक होता है, जबकि दूसरे नेता रघुनंदन शर्मा ने तर्क दिया कि यदि कोई व्यक्ति पूरी क्षमता से काम कर रहा है, तो सिर्फ उम्र के आधार पर उसे हटाना सही नहीं



