कोलकाता, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर (Jammu and Kashmir Congress leader Ghulam Ahmed Mir) को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की ओर से पश्चिम बंगाल इकाई (West Bengal Unit) का प्रभार मिलने के बाद पार्टी के राज्य नेतृत्व के एक वर्ग के बीच इस बात को लेकर संदेह बढ़ गया है कि वह कितनी गंभीरता से काम करेंगे।
उनके अनुसार, यह घटनाक्रम इस बात का सूक्ष्म संकेत है कि पार्टी आलाकमान पश्चिम बंगाल को कितनी गंभीरता से लेता है। राज्य कांग्रेस नेता ने कहा,“लेकिन फिर भी परंपरा के अनुसार, हमने आलाकमान के फैसले को स्वीकार कर लिया है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे हमने पश्चिम बंगाल में गठबंधन सहयोगी चुनने का फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है, हालांकि पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बहुमत सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की समझ या सीट साझा समझौते के खिलाफ है।”
हालांकि, राज्य कांग्रेस नेता की एकमात्र चमकती बात यह है कि पार्टी की पूर्व लोकसभा सदस्य दीपा दासमुंशी को केरल और लक्षद्वीप के अलावा तेलंगाना के लिए एआईसीसी की ओर से वरिष्ठ पर्यवेक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
वह पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन के खिलाफ कांग्रेस की राज्य इकाई में सबसे मुखर आवाजों में से एक हैं। वह कई बार कह चुकी हैं कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल के साथ-साथ कुछ अन्य राज्यों में भी तृणमूल कांग्रेस कांग्रेस को कमजोर करने में लगी है, उससे राज्य की सत्ताधारी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।