कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख और पांच बार के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने रविवार को कहा कि 23 जून को पटना में विपक्षी एकता की भव्य बैठक एक शादी समारोह की तरह थी, जिसमें कांग्रेस नेताओं को शिष्टाचारवश शामिल होना पड़ा।
चौधरी ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, “अगर मुझे किसी शादी समारोह में आमंत्रित किया जाता है, भले ही निमंत्रण किसी दुश्मन की ओर से हो, तो मैं अक्सर शिष्टाचारवश उसमें शामिल होने के लिए मजबूर हो जाता हूं।”
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि चौधरी, जो हमेशा कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच किसी भी तरह के समझौते के खिलाफ मुखर रहे हैं, अपनी पार्टी आलाकमान को यह संकेत भेजने की कोशिश कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेतृत्व के लिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे का समर्थन करना तृणमूल कांग्रेस के लिए समझ से परे है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का यह भी मानना है कि ममता बनर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी के शुक्रवार को पटना में मंच साझा करने से बीजेपी को यह सवाल करने का मौका मिल गया कि सीपीआई (एम) और कांग्रेस साझा नेतृत्व कैसे कर सकते हैं? वे अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को मूर्ख बना रहे हैं जो पश्चिम बंगाल में तृणमूल के ‘हमलों’ का सामना कर रहे हैं।