संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हुआ बिना प्रदूषण पर चर्चा
By : hashtagu, Last Updated : December 19, 2025 | 2:03 pm
नई दिल्ली: संसद (Parliament) का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया, लेकिन इस बार एक बड़ा मुद्दा अधर में ही रह गया क्योंकि दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते वायु प्रदूषण पर कोई बहस नहीं हो पाई। पिछले हफ्ते विपक्ष ने प्रदूषण संकट को लेकर बहस की मांग की थी, लेकिन समय की कमी और अन्य विधेयकों पर हुए हंगामे के कारण इस विषय पर विस्तृत चर्चा नहीं हो सकी।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा सभापति ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (sine die) घोषित कर दिया, जिससे शीतकालीन सत्र आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया। इस सत्र में कुल 15 बैठकें हुईं और संसद ने कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया।
इस सत्र में VB-G RAM G बिल पारित किया गया, जो ग्रामीण रोजगार और आजीविका के लिए नए प्रावधान लाता है, और SHANTI बिल जैसे अन्य विधेयकों को मंजूरी मिली। हंगामे और विरोध प्रदर्शनों के बीच कई मुद्दों पर बहस हुई, लेकिन हवा की गुणवत्ता जैसे गंभीर विषय को आवश्यक समय नहीं मिल सका।
संसद के अंतिम दिन बैठकर चर्चा शुरू हो ही रही थी कि फिर से स्थगन की घोषणा कर दी गई, जिससे प्रदूषण पर बहस का आयोजन रद्द हुआ। विपक्षी नेताओं ने इस बात की आलोचना की कि देश की राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीरता को संसद में पर्याप्त रूप से नहीं उठाया गया, जबकि जनता के लिए यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और पर्यावरण समस्या बनी हुई है।
सत्र का समापन उच्च उत्पादकता के आंकड़ों के बीच हुआ, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने अपने-अपने स्तर पर कई विधायी कार्य पूरे किए, लेकिन व्यापक जनहित के मुद्दों जैसे वायु प्रदूषण को समय नहीं मिल सका।


