पीएम मोदी ने तीसरे कार्यकाल में तीन गुणा काम करने का किया वादा, इमरजेंसी को बताया लोकतंत्र पर काला धब्बा

By : hashtagu, Last Updated : June 24, 2024 | 11:59 am

नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 18वीं लोकसभा (Lo Sabha) का पहला सत्र शुरू होने से पहले कहा कि उनकी सरकार तीसरे कार्यकाल में सबको साथ लेकर चलते हुए तीन गुणा काम करना चाहती है। उन्होंने देश में 50 साल पहले लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए उसे लोकतंत्र पर “काला धब्बा” बताया।

पीएम मोदी ने यहां संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “सरकार चलाने के लिए बहुमत होता है, लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है। इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें, 140 करोड़ देशवासियों की आशा-आकांक्षाओं को परिपूर्ण करें।”

प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा, “कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है। भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, कल उसके 50 साल हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। संविधान के चिथड़े-चिथड़े उड़ा दिये गये थे। देश को जेलखाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी।”

उन्होंने कहा कि देश की जनता ने 60 साल बाद किसी सरकार को तीसरी बार मौका दिया है। यह सरकार की नीयत और नीतियों, जनता के प्रति सरकार के समर्पण भाव पर जनता जनार्दन की मुहर है। उन्होंने कहा, “हमारा दायित्व भी बढ़ जाता है। इसलिए, मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुणा ज्यादा मेहनत करेंगे, हम तीन गुणा परिणाम भी लाकर रहेंगे।”

उन्होंने नये सांसदों का स्वागत करते हुए उनसे अपील की कि जनहित के लिए “हर संभव कदम उठाएं”।

उन्होंने विपक्ष से “अब तक मिली निराशा” की बजाय जनता की आशाओं पर खरे उतरने की अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोग “सब्सटेंस चाहते हैं स्लोगन नहीं चाहते”।

पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि सब मिलकर विकसित भारत का लक्ष्य पूरा करने के लिए काम करेंगे।