मेरे लिए अब पद कोई बड़ी बात नहीं :गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि अब उनके लिए पद मायने नहीं रखता और वह अपने वर्षों के अनुभव

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  • Updated On - September 2, 2023 / 12:02 PM IST

जयपुर, 2 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि अब उनके लिए पद मायने नहीं रखता और वह अपने वर्षों के अनुभव से जनता की मदद करना जारी रखेंगे। राजस्‍थान (Rajasthan) के मुख्‍यमंत्री ने कहा,“पद अब मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। मैं अपने वर्षों के अनुभव से आखिरी दम तक आपकी (लोगों की) सेवा करना चाहता हूं।’ गहलोत ने कहा, मैं चाहता हूं कि मेरे जीवन का हर पल मेरे राज्य की सेवा में बीते।

वे शनिवार को ब्यावर एवं दूदू में ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक के जिला स्तरीय कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्‍होंने कहा, “मैं तीन बार मुख्यमंत्री बन चुका हूं, इसलिए मेरे पास व्यापक अनुभव है। मैंने अपना राजनीतिक जीवन 50 साल पहले शुरू किया था, जब मैं एनएसयूआई अध्यक्ष बना। अनुभव का कोई विकल्प नहीं है। आपके आशीर्वाद से मुझे काफी अनुभव प्राप्त हुआ, जिसका उपयोग मैं आपकी सेवा में कर रहा हूं।”

गहलाेेत ने कहा, “जब मैंने 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री का पद संभाला था, तब भाजपा के भैरों सिंह शेखावत सीएम थे। उन्होंने 32 सीटें जीतीं, जबकि हमें 156 सीटें मिलीं। सोनिया गांधी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया। तब से अब तक तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने मुझ पर विश्वास किया। दो बार चुनाव हारने के बाद भी हमने काम करने की इच्छाशक्ति नहीं खोई। हारने के बावजूद, मेरे पास जो भी पद था, मैंने काम करना जारी रखा। जब हम 2013 में हार गए, तो पिछली बार आपने हमें फिर आशीर्वाद दिया।”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार हमारी योजनाओं को लेकर चिंतित हो गई है, न तो पुरानी पेंशन पर निर्णय ले पा रही न ही 25 लाख रुपये का बीमा दे पा रही है। हमने उज्ज्वला योजना के तहत 500 रुपये में गैस सिलेंडर देना शुरू किया। केंद्र सरकार ने सिलेंडर की कीमत 200 रुपये कम कर दी।

उन्‍हाेंने कहा मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर राज्य सरकार 500 रुपये में गैस सिलेंडर दे सकती है, तो केंद्र सरकार क्यों नहीं? जब आपने उज्ज्वला योजना शुरू की थी, तब सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर इसे 1150 रुपये कर दिया। केंद्र को आगे आना चाहिए और देश भर के गरीबों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना चाहिए।”