जयपुर, 1 सितंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Rajasthan Education Minister Madan Dilawar) ने रविवार को घोषणा की कि मुगल सम्राट अकबर (Mughal Emperor Akbar) को अब स्कूलों में महान व्यक्ति के रूप में नहीं पढ़ाया जाएगा। उन्होंने अकबर की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक देश को लूटा और यह भी कहा कि अब भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की ‘महान व्यक्तित्व’ के रूप में प्रशंसा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने 30 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें पाठ्यक्रम में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो भी अनैतिक बयानों वाले या महापुरुषों का अपमान करने वाले हिस्से हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा। हमारे पूर्वजों जैसे वीर सावरकर और शिवाजी के बारे में बहुत सी भ्रामक जानकारी दी गई है, उन बयानों को ठीक किया जाएगा।” दिलावर ने आगे कहा, “कई पाठ्यपुस्तकों में कहा गया है कि सावरकर देशभक्त नहीं थे। जबकि अकबर को महान व्यक्ति माना गया है, शिवाजी को ‘पहाड़ी चूहा’ कहा गया है, और महाराणा प्रताप की भूमिका को अकबर की भूमिका से दबा दिया गया है। ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं और उनकी समीक्षा की जाएगी।
” इस बीच, शिक्षा मंत्री ने रविवार को राजस्थान की भामा शाह परंपरा की तारीफ की। उन्होंने बताया कि राजस्थान बलिदान, तपस्या, शौर्य और वीरता की धरती है। उन्होंने बताया कि जब महाराणा प्रताप को जंगलों में रहना पड़ा था, तब भामा शाह ने अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी थी। उन्होंने राजस्थान को महान पुरुषों और वीरता के कार्यों की धरती बताते हुए निष्कर्ष निकाला, और महाराणा प्रताप, भामा शाह, और आदिवासी नेता गोविंद गुरु की प्रेरणादायक विरासत पर जोर दिया।
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