कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री को लेकर जारी संशय के बीच राहुल से मिले सिद्दारमैया

By : hashtagu, Last Updated : May 17, 2023 | 1:43 pm

नई दिल्ली, 17 मई (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के एक दिन बाद निवर्तमान कर्नाटक विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सिद्दारमैया (Siddaramaih) बुधवार को राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माने जाने वाले सिद्दारमैया (Siddaramaih) बैठक के लिए 10 जनपथ पहुंचे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात और कर्नाटक में पार्टी की प्रचंड जीत के बाद पहली बैठक करार दिया जा रहा है। मंगलवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Siddaramaih) ने खड़गे के साथ बैठक की थी। सिद्दारमैया सोमवार दोपहर एक विशेष विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे। सिद्धारमैया से पहले कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी। शिवकुमार पेट में संक्रमण के कारण सोमवार की यात्रा रद्द करने के बाद मंगलवार दोपहर दिल्ली पहुंचे।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी के साथ पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर चर्चा करने के बाद खड़गे बुधवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की घोषणा कर सकते हैं। मंगलवार दोपहर राहुल गांधी, पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए पार्टी प्रमुख के साथ लंबी चर्चा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली।

पार्टी सूत्रों ने सोमवार रात कहा था कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी के साथ गुप्त मतदान के परिणाम पर चर्चा के बाद कांग्रेस प्रमुख कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला करेंगे। सोनिया गांधी इस समय शिमला में हैं। तीनों पर्यवेक्षकों ने सोमवार को खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंपी। यह बैठकपांच घंटे से अधिक चली। अनुभवी नेता सिद्दारमैया और शिवकुमार शीर्ष पद की रेस में हैं। सूत्रों ने कहा कि सिद्दारमैया को गुप्त मतदान के दौरान बहुमत मिलने के बावजूद शिवकुमार हिलने को तैयार नहीं हैं। वह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पार्टी को जीत दिलाई थी और इसलिए मुख्यमंत्री पद के हकदार हैं।

कांग्रेस ने कर्नाटक में 135 सीटें जीती थीं, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा केवल 66 सीटें जीतने में सफल रही और जेडी (एस), जो किंगमेकर की भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही थी, 19 सीटों पर सिमट गई।