“दुनिया को भेजा गया मजबूत संदेश”: आतंकवाद विरोधी अभियान में विपक्षी नेताओं की भागीदारी पर PM मोदी

By : dineshakula, Last Updated : June 11, 2025 | 12:38 am

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हाल ही में दुनिया भर के 33 देशों और यूरोपीय संघ में भारत की ओर से भेजी गई बहु-पक्षीय प्रतिनिधिमंडलों की सराहना करते हुए कहा कि इनमें विपक्षी नेताओं की भागीदारी ने दुनिया को भारत की एकता का “मजबूत संदेश” दिया है। पीएम ने मंगलवार को अपने आवास पर इन प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, यह संदेश हम दुनिया तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। ऐसे और प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर में भेजे जाने चाहिए जो भारत की बात मजबूती से रखें।”

इन प्रतिनिधिमंडलों में वर्तमान सांसदों के साथ पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक भी शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“मैंने उन प्रतिनिधियों से मुलाकात की जो अलग-अलग देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे हैं। उन्होंने शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और आतंकवाद के खात्मे की आवश्यकता को दुनिया के सामने मजबूती से रखा, जिस पर हम सभी को गर्व है।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही इन प्रतिनिधिमंडलों से मिल चुके हैं और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को प्रस्तुत करने के लिए उनकी सराहना कर चुके हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जिन्होंने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, ने बताया कि भारत ने सात प्रतिनिधिमंडल भेजे जबकि पाकिस्तान ने केवल दो। उन्होंने ANI से बातचीत में बताया, “प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को धन्यवाद देने के लिए यह मुलाकात की। यह बैठक बिल्कुल अनौपचारिक थी। उन्होंने हर समूह से मिलकर बातचीत की। सभी ने अपने अनुभव साझा किए। लगभग हर देश ने कहा कि सांसदों का इस तरह आना बहुत सकारात्मक पहल है। हम सबने सुझाव दिया कि ऐसा अधिक बार होना चाहिए, और पीएम ने उस सुझाव को गंभीरता से लिया।”

यह कूटनीतिक पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू की गई, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान- अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

सरकार की ओर से भेजे गए सात प्रतिनिधिमंडलों में 50 से अधिक सदस्य शामिल थे, जिनमें अधिकांश वर्तमान सांसद थे। इनमें चार सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों द्वारा और तीन विपक्षी सांसदों द्वारा नेतृत्व किए गए।

नेतृत्व करने वाले प्रमुख सांसदों में शामिल थे:

  • भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा

  • कांग्रेस के शशि थरूर

  • जदयू के संजय झा

  • शिवसेना के श्रीकांत शिंदे

  • द्रमुक की कनिमोझी

  • एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले

पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ पूर्व सांसद भी इन अभियानों का हिस्सा रहे।

सरकार का उद्देश्य था कि विपक्ष और सत्ता पक्ष एकजुट होकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूती से रखें और राष्ट्रीय एकता का संदेश दें।