ST आरक्षण पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त CSPDCL से मांगा जवाब और हलफनामा

By : hashtagu, Last Updated : December 15, 2025 | 12:31 pm

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अनुसूचित जनजाति आरक्षण (ST reservation) के नियमों के पालन को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड पर कड़ा रुख अपनाया है। बिलासपुर स्थित हाईकोर्ट ने CSPDCL को निर्देश दिया है कि वह नियुक्ति और पदोन्नति में ST वर्ग के लिए लागू आरक्षण प्रतिशत को लेकर विस्तृत हलफनामा दाखिल करे।

हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि ST वर्ग के लिए कितने प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाना चाहिए और यह प्रतिशत किस आधार पर तय किया गया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट करने को कहा कि जब न तो कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध है और न ही राज्य सरकार का कोई स्पष्ट आदेश, तो फिर रोस्टर में बदलाव कैसे किया गया। कोर्ट ने इस पूरे मामले को प्रथम दृष्टया गंभीर मानते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है।

यह मामला कनिष्ठ अभियंता प्रशांत विल्सन पन्ना, शीतल समीर टोप्पो समेत अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नेल्सन पन्ना और आशुतोष मिश्रा ने पक्ष रखा। याचिका में 22 अगस्त 2024 को जारी उस विज्ञापन को चुनौती दी गई है, जिसमें सहायक अभियंता प्रशिक्षु प्रशिक्षण एवं विकास पद पर पदोन्नति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

विज्ञापन में पदों का विवरण अनारक्षित 17, अनुसूचित जनजाति 16, अनुसूचित जाति शून्य और अन्य पिछड़ा वर्ग शून्य दर्शाया गया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण की और 30 जुलाई 2025 को इंटरव्यू भी दिया। इसके बाद बिना कोई शुद्धिपत्र जारी किए 29 नवंबर 2012 की राज्य शासन अधिसूचना का हवाला देकर आरक्षण रोस्टर बदल दिया गया।

संशोधित रोस्टर में अनारक्षित पदों की संख्या 17 से बढ़ाकर 25 कर दी गई, जबकि ST के पद 16 से घटाकर 9 कर दिए गए। वहीं SC के लिए 2 और OBC के लिए 1 पद जोड़ दिए गए। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह बदलाव आरक्षण नियमों का सीधा उल्लंघन है और इससे ST वर्ग के उम्मीदवारों के अधिकार प्रभावित हुए हैं।

हाईकोर्ट ने CSPDCL को अगली सुनवाई में सभी बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब देने और विस्तृत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है। इस आदेश के बाद आरक्षण व्यवस्था और रोस्टर में किए गए बदलावों को लेकर CSPDCL की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।