छत्तीसगढ़। आरक्षण के अनुपात में बदलाव लाने की तैयारी में भूपेश सरकार जुट गई। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आग्रह किया है। जिस पर इसी हफ्ते अधिसूचना जारी हो सकती है। बता दें कि हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के फैसले के बाद उपजे हालात को नियंित्रत करने के लिए अब नये आरक्षण पर विधेयक लाने की तैयारी शुरू हो गई है। संभावना है कि यह विधेयक दिसंबर माह में लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा है। मुख्यमंत्री ने आगामी एक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किए हैं। बता दें कि आरक्षण में सरकार द्वारा अनुपात में बदलाव के बाद बीजेपी ने भी मुद्दा बना लिया है। जिसे लेकर भाजपा ने आरक्षण कटौती के मामले में कांग्रेस सरकार के विरोध में सैकड़ों भाजपाइयों ने रायपुर-जगदलपुर नेशनल हाईवे में दोपहर 1 बजे से लेकर 2 बजे तक धरना दिया। बहरहाल, अब देखना है कि आरक्षण पर मचे इस बवंडर को थामने के लिए कांग्रेस का अगला कदम क्या होता है। इसके पीछे कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी समाज को नाराज करना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ में सरकार ने 2012 आरक्षण के अनुपात में बदलाव किया था। इसमें अनूसूचित जनजाति वर्ग का 20 से 32 प्रतिशत कर दिया गया था। इसके अलावा अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था। जिसको लेकर गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी सहित कई लोगों ने हाईकोर्ट को याचिका दायर की थी। नतीजन हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को सुनवाई में आरक्षण के अधिनियमों की धारा को रद्द कर दिया था। ऐसे में कई प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम भी रोक दिए गये थे।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल शीघ्र वहां जाएगा। अध्ययन दल के गठन एवं इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। यह जानकारी भूपेश बघेल ने अपने ट्विटर पर दी है। इसके साथ ही आदिवासी समाज को भरोसा दिया कि 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
बता दें, आदिवासी समाज के आरक्षण के कटौती पर आदिवासी समाज ने आंदोलन छेड़ दिया था। इसके अलावा बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाकर भूपेश सरकार को घेर रही थी। इसके बाद भारी जन दबाव को देखते हुए नए आरक्षण पर विधेयक लाने की तैयारी कर पड़ रही है।