पायलट पर ठंडे पड़े कांग्रेस के शीर्ष नेता, कम अशांति वाला रास्ता अपनाया.
By : dineshakula, Last Updated : May 1, 2023 | 10:29 am
हाल ही में पायलट को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा गया था। तब से अटकलें तेज थीं कि क्या पायलट अभी भी पार्टी के लिए एक संपत्ति थे।
हालांकि, दिग्गज नेताओं के हालिया स्टैंड ने साफ कर दिया कि पायलट को अभी भी हाईकमान की संपत्ति के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं राजस्थान के सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार, पायलट का मुद्दा सिर्फ एक चुनौती नहीं, बल्कि घरेलू मामला है। सरकार और संगठन दोनों के साथ-साथ पायलट की पूरे देश में एक युवा और ऊजार्वान नेता की छवि है।
राठौड़ ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि अनुभवी नेता के साथ-साथ ऊजार्वान नेता भी हमारे साथ हैं। हम सब मिलजुल कर आगे बढ़ेंगे।
राठौड़ गुरुवार को सह प्रभारी बनने के बाद पहली बार जयपुर पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
राजस्थान में कांग्रेस की नई सह प्रभारी सचिव अमृता धवन ने भी संकेत दिए कि सचिन पायलट मामले में कार्रवाई को लेकर पार्टी जल्दबाजी में नहीं है।
धवन ने कहा, हम (कांग्रेस) अन्य दलों के विपरीत अपने विचार व्यक्त करने के लिए कभी किसी का सिर नहीं काटते। हम सभी की सुनते हैं।
अमृता भी गुरुवार को जयपुर पहुंचीं। वह अपने होटल में मीडिया से बात कर रही थीं।
सचिन पायलट के मुद्दे पर अमृता धवन ने कहा, ”कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हमें पार्टी ने हाथ जोड़कर भेजा है। आप पार्टी के मंच पर जितना चाहें कह सकते हैं, सभी को मौका दिया जाता है, सबकी बात सुनी जाएगी। हमारी पार्टी भाजपा और अन्य पार्टियों की तरह नहीं है कि बोलेंगे तो गर्दन काट दी जाएगी। हम ऐसा नहीं करेंगे। हम सबकी सुनेंगे।”
अमृता ने कहा, पार्टी में मतभेद और मतभेद होते हैं। मतभेद घर में भी होते हैं। यहां तक कि परिवार में भी कभी-कभी बच्चों के विचार माता-पिता से अलग हो सकते हैं। पार्टियां भी परिवार की तरह होती हैं। राय अलग हो सकती है। लेकिन हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी एक परिवार है।
दरअसल, हाल ही में एक कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि उन्हें हमें (पायलट और गहलोत को) लड़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमने एक सर्वेक्षण किया है जो कहता है कि हम सत्ता में वापस आ रहे हैं।
पायलट के मुद्दे पर दिग्गजों की आवाज कम होने के साथ यह स्पष्ट है कि पार्टी अभी भी उन्हें एक ‘संपत्ति’ के रूप में देख रही है। इसका संकेत राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी दिया था।(आईएएनएस)
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