छत्तीसगढ़। आरएसएस प्रमुख के दौरे को कांग्रेस ने सियासी बताकर आग में घी डाल दिया। इसके बाद तो बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी गई। कांग्रेस के नेताओं ने मोहन भागवत के दौरे को लेकर कहा था कि चुनावी माहौल में जानबूझकर ये कार्यक्रम रखा गया और भागवत छत्तीसगढ़ आए। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जवाब दिया।
रमन सिंह ने कहा कि मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख हैं। वो गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं। उनके कार्यक्रमों में भारत की अखंडता, एकता और देश के स्वाभीमान पर बात होती है। वो हिंदू धर्म जो धर्मांतरण की वजह से विभाजित हो रहा है टूट रहा है उसे जोड़ने का काम करते हैं। जैसे कांग्रेस तोड़ने का काम करती है, वैसे संघ जोड़ने का काम करता है। छत्तीसगढ़ सरगुजा में मोहन भागवत आए तो समाज को दिशा मिली है। ये बड़ी बात है कि दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण उन्होंने किया।
डॉ रमन सिंह ने बताया ने कहा कि धर्म बदलने वाले आदिवासियों या दूसरे ऐसे समुदाय जिन्हें आरक्षण का लाभ मिलता है उन्हें वो नहीं देना चाहिए। इस विषय पर उन्होंने कहा- कोई आदिवासी से क्रिश्चन बन जाता है या मुस्लिम बन जाता है। अब आरक्षण का मूल भाव यह है कि उनकी जाति, समाज, परंपरा रहन- सहन में परिवर्तन न आए। धर्मांतरण किया तो फिर इसका कोई औचित्य नहीं जिन लोगों ने अपनी जाति को बदल लिया आरक्षण का लाभ उनहें नहीं दिया जाना चाहिए।
डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, ये चुनाव निश्चित रूप से जनता के आक्रोश का प्रगतिकरण होगा। जनता कांग्रेस को जवाब देगी। इस बार जनता कांग्रेस को को हराएगी। ब्रम्हानंद नेताम हमारा प्रत्याशी है, वो सहज सरल व्यक्ति है। उसकी क्षेत्र में प्रतिष्ठा है। भाजपा ऐसे व्यक्ति को मौका दिया है जो जनता के बीच रहता है जिसे लेकर जनता के बीच सकारात्मक सोच है।