नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)। राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) के लिए विभिन्न सीटों पर बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस सूची में कई दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल हैं। बीजेपी ने जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है, वहीं, हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) को महाराष्ट्र से राज्यसभा का टिकट दिया गया है।
भाजपा के टिकट पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम के नामांकन ने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि कांग्रेस को राज्य से अपनी एकमात्र सीट खोने का खतरा है। अशोक चव्हाण 38 सालों तक कांग्रेस में रहे। ऐसे में पार्टी में उनका मजबूत सपोर्ट बेस है। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि अशोक चव्हाण के पाला बदलने से आगामी दिनों में कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
हालांकि, महाराष्ट्र कांग्रेस ने इस तरह के ‘उथल-पुथल’ की संभावनाओं से दृढ़ता से इनकार किया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस खेमे से चव्हाण, जो अब भाजपा के उम्मीदवार हैं, के लिए क्रॉस-वोटिंग की संभावना अधिक है।
सदन में 44 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के कारण कांग्रेस को छठी राज्यसभा सीट पर दावा करने की उम्मीद थी, लेकिन चव्हाण के जाने से इसकी संभावना पर बादल छा गए हैं। कई लोगों का मानना है कि पार्टी के भीतर चव्हाण का दबदबा मजबूत है और उनके कुछ वफादार द्विवार्षिक चुनावों में उनके लिए ‘क्रॉस-वोटिंग’ कर सकते हैं।
क्रॉस-वोटिंग की अटकलों में जो बात विश्वसनीयता जोड़ती है वह पिछली मिसाल है, जिसमें अशोक चव्हाण और 10 अन्य कांग्रेस विधायकों ने गठबंधन के फैसले के खिलाफ मतदान किया था।
अगस्त 2022 में, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने विद्रोह के बाद एक नई पार्टी बनाई और राज्य में भाजपा-सेना गठबंधन सरकार बनाई, तो चव्हाण और कुछ कांग्रेस विधायकों ने गठबंधन को झटका दिया। जब नई सरकार फ्लोर टेस्ट का सामना कर रही थी, तो चव्हाण और 10 अन्य कांग्रेस विधायक ट्रैफिक जाम का हवाला देते हुए सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। इसके परिणामस्वरूप 2019 के विधानसभा चुनावों में एक साथ कुल 154 सीटें जीतने के बावजूद, एमवीए की ताकत घटकर 99 रह गई।
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