Awareness Campaign : ढोंगी बाबाओं के ‘चमत्कारों’ से सावधान करने निकली वैज्ञानिक चेतना रैली

छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति (Blind Faith Removal Committee), छत्तीसगढ़ तर्कशील परिषद्, ब्रेकथ्रो साइंस सोसायटी और एंटी.

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  • Updated On - August 21, 2023 / 08:07 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति (Blind Faith Removal Committee), छत्तीसगढ़ तर्कशील परिषद्, ब्रेकथ्रो साइंस सोसायटी और एंटी सुपरस्टीशन आर्गेनाइजेशन द्वारा रविवार को आल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क (AIPSN)का आह्वान पर संयुक्तरूप से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए शहीद हुए डा नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश, प्रो. कालबुर्गी और गोविंद पानसरे की याद में नेशनल साइंटिफिक टेंपर डे के अवसर पर 20 अगस्त को नगर निगम गार्डन छोटापारा रायपुर से प्रारम्भ कर डा. अम्बेडकर चौक, कलेक्ट्रेट रायपुर तक वैज्ञानिक चेतना जागरूकता रैली (Scientific Consciousness Awareness Rally) निकाली गई। इस रैली में सौ से अधिक जागरूक नागरिक, विद्यार्थी, शिक्षकगण तथा महिलाएं शामिल हुई। इन लोगों ने अपने हाथों में वैज्ञानिक सोच के प्रचार प्रसार के लिए और अन्धविश्वास के विरोध में नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थी।

अचंभित चमत्कारों के प्रदर्शन के साथ की गई चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या से बहुसंख्य नागरिक वैज्ञानिक चेतना से हुए जागरूक

रैली में शामिल संगठनो के कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान “मंत्र शक्ति से अग्नि प्रज्वलित करने, नारियल के द्वारा भूत पकड़ कर उसे पवित्र जल से भस्म करने, खून में शामिल अशुद्धि की तरह दिखते मटमैले पानी को गौ मूत्र से रंगहीन करने, शरीर पर आग लगाने, मुंह में आग खाने आदि का प्रर्दशन कर दिखाया और प्रत्येक तथाकथित ऐसे चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या की। इस अभिनव पहल से शहर के बहुसंख्य नागरिक अंधविश्वास और पाखंड से मुक्त होते हुए वैज्ञानिक चेतना से जागरूक हुए।

इस अवसर पर कलेक्टोरेट के सामने स्थित डा अम्बेडकर की मूर्ति के समक्ष छत्तीसगढ़ तर्कशील परिषद् के डा रमेश कुमार सुखदेवे, अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के डा दिनेश मिश्र, ए एस ओ के टिकेश कुमार, ब्रेकथ्रो साइंस सोसाइटी की पूजा शर्मा तथा छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के एच एन टंडन ने संबोधित किया और लोगों को वैज्ञानिक सोच पैदा करने, अंधविश्वास और चमत्कारों के चंगुल में नहीं फंसने के लिए समझाया। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य की तरह छत्तीसगढ़ में भी काले जादू और अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों के खिलाफ तथा जाति पंचायतों द्वारा गांवों में किए जाने वाले सामाजिक बहिष्कार के फतवों के खिलाफ कानून बनाने, डा नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश, गोविंद पनसारे और प्रो कलबुर्गी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग की गई।

नेशनल साइंटिफिक टेंपर डे पर हुआ सफल आयोजन

जन जागरूकता रैली के समापन में उमा प्रकाश ओझा द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करवाया गया । दकियानूसी तत्वों से भारत के संविधान को बचाने की अपील की गई। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस सप्ताह के दौरान ऑनलाईन व्याख्यानों के माध्यम से 14 अगस्त को कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर डाॅ अरुणाभ मिश्रा द्वारा वैज्ञानिक चेतना के प्रचार प्रसार के संबंध मे देश भर में किए जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।

16 अगस्त को महाराष्ट्र अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के कार्यकर्ता डा हमीद दाभोलकर द्वारा डा नरेंद्र दाभोलकर के कामों को आगे बढ़ाने की जरुरत, 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डा ईश्वर सिंह दोस्त द्वारा वैज्ञानिक मानवतावाद, 18 अगस्त को फेडरेशन आफ इंडियन रेशनलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ नरेन्द्र नायक द्वारा तथाकथित बाबाओं के चमत्कारों के खिलाफ़ जन जागरूकता और 19 अगस्त को लेखक और डीएमए इंडिया चैनल के संपादक संजीव खुदशाह द्वारा वास्तुशास्त्र की वास्तविकता पर व्याख्यान दिए गए। जिसे हजारों लोगों ने सुना और अपने सवाल पूछ कर शंका समाधान करते हुए वैज्ञानिक चेतना से समृद्ध हुए।

इस पूरे आयोजन में बी वी रविकुमार, डा स्नेहलता हुमने, डा के बी बंसोड़े, रतन गोंडाने, सुनील गनवीर, उमा प्रकाश ओझा, टी के जग्गी, वसंत निकोसे, बी चौधरी, टेंकेश्वर मेश्राम, शिव टंडन, जे के कैलासिया, हरीश बंछोर, संजीव खुदशाह, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, अंजू मेश्राम, आर एल ध्रुव, डा रमेश सुखदेवे, डा दिनेश मिश्र, पूजा शर्मा, टिकेश कुमार तथा डॉ विश्वासराव मेश्राम आदि साथियों ने अत्यधिक परिश्रम किया।

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