ज्योतिष पीठ और शारदा पीठ के शंकराचार्यों का CM विष्णुदेव ने किए दर्शन

CM विष्णु देव साय आज सुबह राजधानी रायपुर के बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु स्वामी...............

  • Written By:
  • Updated On - March 4, 2024 / 02:48 PM IST

  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामीअविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी तथा शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी सदानंद सरस्वती जी के किए दर्शन

आशीर्वाद लेने बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचे मुख्यमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) आज सुबह राजधानी रायपुर के बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम पहुंचकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya of Jyotish Peeth, Jagadguru Swami Avimukteshwarananda Saraswati) तथा शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी सदानंद सरस्वती जी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। स्वामी जी राजिम कुंभ के संत समागम में भाग लेने छत्तीसगढ़ पहुंचे हुए हैं। इसके अलावा वे प्रदेश में होने वाले अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।

  • मुख्यमंत्री साय ने स्वामी जी को राजिम कुंभ आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस बार राजिम कुंभ कल्प का आयोजन बहुत भव्य तरीके से किया जा रहा है। देश भर से यहां संत समागम हुआ है। छत्तीसगढ़ के लोग बड़े भाग्यशाली हैं कि उन्हें आपका आशीर्वाद इस मौके पर मिला है।

मुख्यमंत्री साय ने स्वामी जी से कहा कि राजिम कुंभ के माध्यम से संत समागम का उद्देश्य पूरा हो रहा है जिससे सनातन परंपरा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी।

शंकराचार्य ने इस मौके पर मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए जिस तरह से राजिम कुंभ में तैयारी की गई है और संत समागम हुआ है उससे निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ में आध्यात्मिक वातावरण और उन्नत होगा। भगवान श्री राजीव लोचन जी और कुलेश्वर महादेव जी की पुण्य भूमि संगम नगरी राजिम में यह सुंदर आयोजन हो रहा है। इससे निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के लिए उत्साहपूर्ण वातावरण बना है। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा भी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव : कांग्रेस उम्मीदवार तय करने में कर रही देरी, रायबरेली और अमेठी पर संशय बरकरार