नक्सली दंपति वारदातों को देते थे अंजाम! ‘आत्मसमर्पण’ की बताई बड़ी वजह

धुर नक्सली दंपति (Dhur Naxalite couple) यानी पति-पत्नी एक साथ मिलकर नक्सली वारदातों को अंजाम देते थे। इनाम 8 लाख रुपए का इनाम भी था।.........

  • Written By:
  • Updated On - July 18, 2023 / 02:47 PM IST

दंतेवाड़ा। धुर नक्सली दंपति (Dhur Naxalite couple) यानी पति-पत्नी एक साथ मिलकर नक्सली वारदातों को अंजाम देते थे। इनाम 8 लाख रुपए का इनाम भी था। लेकिन अब उनका मन नक्सली मूवमेंट से मन ऊब चुका था। नतीजा रहा है कि वे अब आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिए। दंतेवाड़ा पुलिस की ओर से चलाए जा रहे लोन वर्रा टू अभियान से प्रभावित होकर चारों नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने सरेंडर किया। अब ये दोनों शादीशुदा जोड़े खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं।

आत्मसमर्पित नक्सली पीएलजीए बटालियन नंबर एक छोटू पर आठ लाख का इनाम घोषित था जो दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले की बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल था। वहीं छोटू की पत्नी पर भी तीन लाख का इनाम घोषित था। पीएलजीए मिलट्री प्लाटून 31 नंबर के नक्सली कोशा उर्फ मासा पर भी आठ लाख का इनाम घोषित था। इसकी पत्नी आयते पर भी एक लाख का इनाम घोषित था। पति के साथ उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया है।

खूंखार नक्सली हिड़मा का गार्ड रह चुका कोशा

समर्पण करने वाले नक्सली साल 2020 पामेड़ क्षेत्र में वारदात जिसमें चार पुलिस जवान बलिदान हुए थे। साल 2020 में चिंतागुफा थाना क्षेत्र के मिनपा में वारदात 17 जवान बलिदान हुए थे। साल 2022 में उसुर थाना क्षेत्र में नक्सली घटना करने में शामिल थे, जिसमें एक जवान बलिदान हुए थे और तहकवाड़ा में 15, रानीबोदली हमले में भी शामिल थे, जिसमें 55 जवान बलिदान हुए थे। समर्पित नक्सली कोशा खूंखार नक्सली हिड़मा का गार्ड भी रह चुका है। कोशा एसएलआर लेकर नक्सली प्लाटून में रहता था।

बड़े नक्सली करते हैं शोषण

नक्सली दंपत्ति ने खुलासा किया कि लगातार कैंपों के खुलने और पुलिस की आपरेशन कार्रवाई से बटालियन सहित सक्रिय नक्सली संगठनों को छोड़कर भाग रहें हैं, बड़े नक्सली शोषण करते हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों को 25-25 हजार रुपए दंतेवाड़ा एसपी की ओर से राशि दी जाएगी। वहीं प्रत्येक को 10-10 हजार और दैनिक उपयोगी सामग्री उपलब्ध करवाई गई। दंतेवाड़ा में अब तक 609 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके है, जिसमें 157 इनामी नक्सली भी शामिल है।

यह भी पढ़ें : ‘कोई नारी डायन या टोनही नहीं’! डॉक्टर ‘दिनेश मिश्र’ के विचार