कोई नारी ‘डायन-टोनही’ नहीं- डॉ. दिनेश मिश्र

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र (Dr Dinesh Mishra) ने खैरागढ़ जिले के ग्राम भरदा काला में एक महिला की जादू टोने के संदेह

  • Written By:
  • Updated On - March 19, 2024 / 11:09 PM IST

अंधविश्वास के कारण महिला की हत्या

रायपुर। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र (Dr Dinesh Mishra) ने खैरागढ़ जिले के ग्राम भरदा काला में एक महिला की जादू टोने के संदेह हत्या (Murder suspected of witchcraft) करने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा जादू टोने का कोई अस्तित्व नही हैं। ग्रामीणों को अंधविश्वास में पड़कर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए ग्राम भरदा काला में जादू टोने कर बीमार करने के संदेह में मिलवंतीन बाई नामक अधेड़ महिला की हत्या उसके ही पड़ोस में रहने वाले युवक ने कर दी थी सोहन बघेल नामक आरोपी की बहन कुछ दिनों से बीमार थी जिसकी बीमारी का संदेह उक्त पड़ोसी व उसका परिवार मिलवंतीन बाई को मानता था और उसकी बीमारी का चिकित्सकीय इलाज कराना छोड़ किसी बैगा से झाड़ फूंक करवा रहा था और बीमारी के ठीक न होने पर बैगा के कारण अन्धविश्वास में आकर कर पड़ोसी महिला मिलवंती की हंसिया से वार कर हत्या कर दी जो अत्यंत दुखद है।

  • डॉ दिनेश मिश्र ने कहा पिछले कुछ दिनों में टोनही /डायन के सन्देह में हत्या मारपीट ,प्रताड़ना की घटनाएं सामने आयी हैं सिर्फ अंधविश्वास ,जादू टोने जैसी भ्रामक मान्यताओं पर भरोसा कर किसी निर्दोष महिला एवं उसके परिवार पर हमला करने की घटनाएं, अनुचित है,दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

डॉ. मिश्र ने कहा हर व्यक्ति की बीमारी,समस्या और उसके कारण अलग-अलग होते हैं जिनका समाधान सही चिकिसकीय उपचार ,तर्कसंगत उपाय से किया जा सकता है. बीमारियाँ अलग अलग कारणों से होती हैं संक्रमण होने से ,दुर्घटना होने,कुपोषण से व्यक्ति बीमार होता है संक्रमण भी विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस ,फंगस से होता है ,तथाकथित जादू टोने ,से कोई बीमार नही हो सकता ,क्योंकि जादू टोने जैसी काल्पनिक मान्यताओं का कोई अस्तित्व ही नहीं है,इस लिए तथाकथित जादू टोने से ना ही कोई व्यक्ति किसी को भी मार कर सकता है, न ही किसी को परेशानी में डाल सकता हैं और न ही किसी व्यक्ति का किसी प्रकार से फसल आदि का कोई नुकसान कर सकता है ,जादू टोने ,टोनही, डायन की मान्यता सिर्फ अंधविश्वास है. जिसका का कोई अस्तित्व नहीं है ,और इस प्रकार के शक या सन्देह में किसी भी महिला को प्रताड़ित करना उसके व उसके परिवार के साथ मारपीट करना ,अग्निपरीक्षा लेना,,उसको जान से मारना अनुचित,क्रूर और अपराधिक है .ग्रामीणों को इस प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए।

  • डॉ मिश्र ने कहा आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की अनुचित हरकत करने की चेष्टा ना कर सके।

डॉ. मिश्र ने कहा देश के अनेक प्रदेशों में डायन/ टोनही के सन्देह में प्रताडऩा की घटनाएं आम है , जबकि कोई नारी टोनही या डायन नहीं हो सकती, उसमें ऐसी कोई जादुई शक्ति नहीं होती जिससे वह किसी व्यक्ति, बच्चों या गाँव का नुकसान कर सके। जादू-टोने के आरोप में प्रताडऩा रोकना आवश्यक है। अंधविश्वासों के कारण होने वाली टोनही प्रताडऩा/बलि प्रथा जैसी घटनाओं से भी मानव अधिकारों का हनन हो रहा है। जनजागरूकता के कार्यक्रमों से अंधविश्वास का निर्मूलन सम्भव हैै।

यह भी पढ़ें : लोकसभा निर्वाचन-2024 : निर्वाचन के दौरान शिकायतों का ‘कंप्लेंट मॉनिटरिंग सिस्टम’! होगा त्वरित निराकरण