सर्वसमाज का ‘प्रेशर क्लब’ दिलाएगा सभी परेशानियों से निजात
By : hashtagu, Last Updated : April 2, 2023 | 8:55 pm
मंडल अध्यक्ष अजय काळे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आज के कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। परिचर्चा के विषय पर मंडळ सचिव चेतन दंडवते ने कहा कि सभी समाज एक-दूसरे के अच्छे और सराहनीय कार्य से प्रेरणा ले सकें यही हमारा उद्देश्य है। कार्यक्रम के विशेष अतिथि कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि आज सभी समाज सेवा कार्यों में जुटे हुए है। सरकार इनसे प्रेरित होकर इनके सेवा कार्यों को अपना रही है। यह समाज के लिए बड़ी उपलब्धि है।
महाराष्ट्र मंडल की परिचर्चा में जुटे 22 समाजों- संगठनों ने एकता पर दिया जोर
परिचर्चा में छत्तीसगढ़ प्रगतिशील यादव समाज के महासचिव निरंजन यादव ने महिलओं की शिक्षा पर जोर दिया। रोटरी क्लब के अध्यक्ष भरत डागा ने कहा कि हर समाज आज जो काम कर रहा है, उसे आपस में शेयर करें, ताकि हमें एक- दूसरे के काम से कुछ सीखने को मिले। रिटा. आर्मी फाउंडेशन की डा. शुभ्रा रजक ने कहा कि हमारे चार वर्ण का वर्णन किया और कहा कि शरीर के सिर से पैर तक चार वर्णों का वर्णन है।
जब हमारा शरीर एक है तो हम एक क्यों नहीं हो सकते। जिंदगी न मिलेगी दोबारा के अमृतांश शुक्ला ने प्रेशर क्लब के सुझाव का समर्थन किया। ब्राइट फाउंडेशन की अध्यक्ष अनघा करकशे, गुजराती समाज के हितेश रायचुरिया, आंध्रा एसोसिएशन के जी. स्वामी, कालीबाड़ी समिति के एसके धर और ग्रीन आर्मी के संस्थापक अमिताभ दुबे ने महाराष्ट्र मंडल के आज के आयोजन की प्रशंसा की। तिरंगा वंदन मंच के अध्यक्ष मुकेश शाह ने कहा जिस राष्ट्र ने राष्ट्रभक्ति छोड़ी वह पिछड़ गया या नष्ट हो गया। मंडळ ने राष्ट्रभक्ति की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। मायाराम फाउंडेशन के राजेंद्र चांडक ने बाल अधिकार घोषणा पत्र पर जोर दिया।
परिचर्चा की प्रमुख बातें
– सभी संस्थाएं और समाज प्रेशर क्लब बनाए जो शहर की अव्यवस्था व समस्याओं को दूर करने में प्रशासन पर दबाव बनाए।
– सभी संस्थाएं व समाजों के बीच आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान शुरू हो। इससे नये आइडिया मिलेंगे।
– सभी समाजों की प्राथमिक भाषा हिन्दी होनी चाहिए, अपनी स्वयं की भाषा में बातचीत तो ठीक है, लेकिन अंग्रेजी को देना महत्व ठीक नहीं।
– राष्ट्रभक्ति के बिना कोई भी समाज सम्माननीय नहीं हो सकता, इसलिए समाज में राष्ट्रीय पर्व के आयोजन होने चाहिए।
– बाल अधिकार घोषणा पत्र प्रत्येक समाज एवं संस्थाएं अपने यहां अनिवार्य रूप से लागू करें। इससे समाजों में बच्चों का शोषण रुकेगा।
– प्री वेडिंग शूट पर सख्ती से रोक लगाने के लिए समाज तत्पर रहें। इसके लिए वर एवं वधू पक्ष के लोगों को पहले से सचेत करें।
– अन्न की बर्बादी को लेकर सार्वजनिक आयोजनों से लेकर शादी- ब्याह जैसे पारिवारिक कार्यक्रमों में समाजों को अभियान चलाने की जरूरत है।
– सभी समाज आध्यात्मिक तौर पर सशक्त बने और अपनी भावी पीढ़ी को धर्म, संस्कार, संस्कृति, परंपरा की सीख दें।
परिचर्चा में शामिल वक्ता व संस्थाएं
परिचर्चा में अनिता झा सरयूकांत झा स्मृति संस्थान, डा. शुभ्रा रजक अध्यक्ष एक्स आर्मी फाउंडेशन, अमृतांश शुक्ला सदस्य जिंदगी न मिलेगी दोबारा, एसके धर उपाध्यक्ष कालीबाड़ी समिति, शारतेंद्र झा सचिव सरयूकांत झा स्मृति संस्थान, राजेंद्र ओझा सदस्य चरोमति फाउंडेशन, मृणालिनी ओझा नारायण फाउंडेशन, भरत डागा अध्यक्ष रोटरी क्लब, निरंजन यादव महासचिव प्रगतिशील यादव महासंघ, रितेश अग्रवाल महामंत्री अग्रवल युवा मंच, राजकुमार बागघुरे महाराष्ट्रीयन तेली समाज, अमिताभ दुबे संस्थापक ग्रीन आर्मी, दुर्गा प्रजापति प्रजापति महिला संघ, अनिता दुबे संस्थापक सर्वमंगला फाउंडेशन, जी स्वामी अध्यक्ष आंध्रा एसोसिएशन, मालती परगनिया अध्यक्ष छत्तीसगढ़ महिला समाज, गुणवंत राव घाटगे अध्यक्ष मराठा मित्र मंडल, अनघा करकशे अध्यक्ष ब्राइट फाउंडेशन, हितेश रायचुरिया गुजराती समाज, कौशिक कडता छग सकल गुजराती समाज, सुभाष बुरे धोबी समाज, मुकेश शाह अध्यक्ष तिरंगा वंदन मंच, मनोज ठाकुर अध्यक्ष सर्व सेन समाज, बिहारी लाल शर्मा छत्तीसगढ़ ब्राह्मण समाज प्रमुख रुप से शामिल हुए।