प्रदेश के ‘महाराष्ट्र मंडलों’ ने दिया ‘एकजुटता’ का सूत्र

शहर की समस्त मराठी भाषी संगठनों को एकजुटता के साथ काम करने और संख्या बल के आधार पर अपना प्रभाव दिखाने की जरूरत है।

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  • Updated On - May 25, 2023 / 02:17 PM IST

रायपुर। शहर की समस्त मराठी भाषी संगठनों को एकजुटता के साथ काम करने और संख्या बल के आधार पर अपना प्रभाव दिखाने की जरूरत है। रविवार को दोपहर महाराष्ट्र मंडल में सर्व मराठी समाज (all marathi society) और छत्तीसगढ़ के समस्त महाराष्ट्र मंडल के प्रतिनिधियों की परिचर्चा में इस आशय के विचार प्रमुखता से सामने आए। लगभग सभी वक्ताओं ने महाराष्ट्र मंडल रायपुर (Maharashtra Circle Raipur) के नेतृत्व में काम करने पर सहमति जताई।

महाराष्ट्र मंडल सेक्टर-4 भिलाई की वरदा जोशी ने कहा कि हमारा ‘स्वाद मेला’ पूरे शहर में प्रसिद्ध है। अच्छा होगा कि भिलाई और दुर्ग के सभी महाराष्ट्र मंडल आपस में मिलकर त्योहारों पर होने वाले आयोजनों को बांट लें और सभी एक- दूसरे मंडल में जाकर त्योहारों को भव्य स्तर पर आयोजित करें।

बिलासपुर के पारिजात कालोनी और रेलवे महाराष्ट्र मंडळ के अध्यक्ष मोहन देवपुजारी ने कहा कि नगर के सभी महाराष्ट्र मंडलों को एकजुट करने के उद्देश्य से ही वे स्वयं दो महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष हैं और विभिन्न आयोजनों में दोनों मंडलों के सदस्य धीरे-धीरे ही सही, एकजुट हो रहे हैं।

चौबे कालोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल में जुटे प्रदेश भर के महाराष्ट्र मंडल व मराठी भाषी संस्थाओं के प्रतिनिधि

दुर्ग महाराष्ट्र मंडळ के अध्यक्ष डाॅ. अजय गोवर्धन ने कहा कि कोरोना काल में हमने बाकी समाजों और महाराष्ट्र मंडलों की तरह जनसेवा की। हमारे यहां सतत स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं। महाराष्ट्र मंडल रायपुर से सीख लेकर हमारे यहां भी मराठी परिवार में दुख में शोक भोजन और मेडिकल इक्यूपमेंट योजना चलाई जा रही है।

कोरबा महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष हेमंत माउलीकर ने कहा कि कोरबा सहित कई शहरों में अलग-अलग महाराष्ट्र मंडल हैं, जिन्हें एक करने की जरुरत है। मराठा समाज के अध्यक्ष गुणवंत घाटगे ने कहा कि महाराष्ट्र मंडल रायपुर ने समस्त महाराष्ट्र मंडलों और मराठी भाषी संस्थाओं को जो रोडमैप दिया है। सभी उसी का अनुसरण करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि समाज की एकजुटता संख्या बल दिखाने के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे ही राजनीतिक दल और प्रशासन प्रभावित होते हैं। इस मौके पर महाराष्ट्रीयन स्वर्णकार समाज के ध्रुव कुमार बांगडे, क्षत्रिय माली समाज के रोहित बोबडे, प्रदेश कुनबी समाज संगठन के कृष्ण कुमार ब्राह्मणकर ने भी परिचर्चा को संबोधित किया।

मंडळ की स्वास्थ्य सेवा समिति के विक्रम हिशीकर ने नेत्रदान से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। आयोजन को लेकर बृहन्महाराष्ट्र मंडळ के छत्तीसगढ़ प्रभारी सुबोध टोले ने जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव चेतन दंडवते ने महाराष्ट्र मंडळ की उपलब्धियों और उसके पीछे के कारकों को बताया। मंडळ अध्यक्ष अजय काळे और बृहन्महाराष्ट्र मंडळ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व कार्यक्रम के मुख्य अतिथ शेखर अमीन ने छत्तीसगढ़ के सभी महाराष्ट्र मंडलों के बीच संवाद बढ़ाने और एकजुटता पर बल दिया।