रायपुर। सोमवार के रात्रि 08 बजे प्रो. जे.एन. पाण्डेय शास.उच्च.माध्य. विद्यालय छोटापारा, रायपुर में महामहिम राज्यपाल के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ की अध्यक्षता में सर्व ओडिया समाज छ.ग. और उत्कल (Utkal divas) सांस्कृतिक परिषद, रायपुर द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से मनाया गया उत्कल दिवस। जहां सर्वप्रथम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा महिला थाना के सामने स्थित मधुसूदन दास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तदोपरांत पुरी से लाये गए भगवान जगन्नाथ जी के रथ के पहिये (चक्का) एवं भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन एवं पूजा अर्चना किया गया। उक्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा तथा अन्यत्र जिलों से पहूंचे लगभग 5 हजार लोगों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में मिश्रा ने उत्कल समाज के गौरव मधुसूदन दास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे उन्होनें उडिया भाषा की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन कर हमें उड़िया भाषा बोलने की स्वतंत्रता दिलाई एवं ओडिशा राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित उत्कल उत्सव समारोह के मंच पर उन्होनें सर्व ओडिया समाज की ओर से महामहिम राज्यपाल एवं माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़ की स्कूलों में एक विषय ओडिया शिक्षा प्रारंभ करने की मांग रखी।
उक्त कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल ने उपस्थित लोगां को बताते हुए कहा कि वर्ष 1936 में ओडिशा को एक स्वतंत्र के रूप में मान्यता मिली थी। ओडिशा का इतिहास एवं यहां की वीरगाथा पूरी दुनिया में अनूठी है। ओडिशा भाषा संस्कृति और कला को आगे बढ़ाने के लिए अनेंक विभूतियों ने अपना योगदान दिया जिसे आज भी पूरा ओडिशा राज्य तथा भारत वर्ष में याद किया जाता है। महामहिम द्वारा ओडिशा राज्य के गठन करने वाले उत्कल गौरव मधुसूदन दास जी का विशेष उल्लेख करते हुए उनके जीवनकाल पर प्रकाश डाला गया साथ ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के कार्यों का सराहना किये।
यह भी पढ़ें :चुनावी युद्ध : CM ‘विष्णुदेव’ का चला सियासी ‘सुदर्शन’ चक्र! कहा-कांग्रेस का ‘सूपड़ा’ होगा साफ…
यह भी पढ़ें : संजय सिंह को जमानत मिलने पर बोली भाजपा – साबित हो गया कि ईडी विद्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं करती
यह भी पढ़ें : Chhattisgarh : चुनावी जंग में ‘मुद्दे’ बने हथियार! ‘कमल-पंजे’ की सीधी भिड़ंत…
यह भी पढ़ें : संजय सिंह को जमानत मिलने पर बोली भाजपा – साबित हो गया कि ईडी विद्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं करती