Dhamtari : छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानी

By : madhukar dubey, Last Updated : May 30, 2023 | 2:24 pm

धमतरी। (Dhamtari) महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। चाहे वह शहरों के बड़े-बड़े कंपनी या कार्यालय हों अथवा गांवों के लघु उद्योग, कुटीर उद्योग हो। हर जगह महिलाएं अपनी काबिलियत साबित कर रहीं हैं। इन्हीं में से एक क्षेत्र है गोधन न्याय योजना के तहत संचालित (Chhipli Gothan) गौठानों में गोबर खरीदी, खाद निर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों का संचालन। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण इस गोधन न्याय योजना को गौठान समिति के साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं बखूबी निभा रहीं हैं।

महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। चाहे वह शहरों के बड़े-बड़े कंपनी या कार्यालय हों अथवा गांवों के लघु उद्योग, कुटीर उद्योग हो। हर जगह महिलाएं अपनी काबिलियत साबित कर रहीं हैं। इन्हीं में से एक क्षेत्र है गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों में गोबर खरीदी, खाद निर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों का संचालन। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण इस गोधन न्याय योजना को गौठान समिति के साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं बखूबी निभा रहीं हैं।

स्वावलम्बी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश नंदनी कहतीं हैं कि ढाई साल पहले बने उनके समूह द्वारा इस गौठान में काफी गतिविधियां की जा रहीं हैं, जिससे समूह की महिलाओं की आय में इजाफा हो रहा है। वे कहतीं हैं कि यहां की बकरियों को दूध काफी मात्रा में होता है, जो गांव ही नहीं बल्बि आसपास के गांवों में भी बिक्री किया जाता है। साथ ही अशील और लेयर नस्ल की मुर्गियों की मांग भी बाजार में काफी है। इसके अलावा जिमी कांदा, हल्दी के साथ ही इंटर क्रॉपिंग अरहर, धनिया सहित भिण्डी, ग्वारफली, बैगन, कद्दू इत्यादि का उत्पादन कर बेचा जा रहा है। सब्जी बिक्री से समूह को 98 हजार रूपये की आय हुई, वहीं गोबर से निर्मित दिया, मूर्ति और अन्य आकर्षक वस्तुओं की बिक्री से 50 हजार रूपये की आय हो गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना से इस हद तक गौठानों में गतिविधियां हो सकतीं हैं, शायद सपने में भी नहीं सोच सकते। वहीं समूह की महिलाओं की मेहनत, समर्पण और निरंतर प्रयास भी गौठानों की तरक्की में चार-चांद लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि छिपली गौठान में कुल तीन लाख 82 हजार 73 किलोग्राम गोबर की खरीदी हो चुका है, जिसमें से 97 हजार 195 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया।

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