RCB Stampede: बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने हाल ही में बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री डे परेड के दौरान हुई भगदड़ पर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में कर्नाटक सरकार ने RCB को हादसे का मुख्य जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट के अनुसार, RCB ने विक्ट्री परेड के आयोजन के लिए सरकार से कोई अनुमति नहीं ली थी, जिसके कारण भारी भीड़ जुटी और भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
सरकार ने इस रिपोर्ट में यह भी कहा कि यदि अचानक आयोजन को रद्द कर दिया जाता, तो शहर में हिंसा फैल सकती थी और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती थी। सरकार ने 15 जुलाई को यह रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी, जिसमें गोपनीयता की इच्छा जताई गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे सार्वजनिक करने का आदेश दिया।
RCB की जिम्मेदारी और घटनाएं
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RCB ने सूचना दी, अनुमति नहीं ली
रिपोर्ट के अनुसार, RCB ने 3 जून को आईपीएल के खिताब जीतने के बाद विक्ट्री परेड की सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन यह केवल सूचना थी, अनुमति नहीं। कानून के मुताबिक, इस प्रकार के आयोजनों के लिए कम से कम सात दिन पहले अनुमति लेना आवश्यक होता है, लेकिन RCB ने इसका पालन नहीं किया। पुलिस को आयोजन से संबंधित भीड़, व्यवस्था और अन्य संभावित समस्याओं की जानकारी नहीं दी गई, जिसके कारण अनुमति नहीं मिल सकी। -
बिना अनुमति के सार्वजनिक निमंत्रण
RCB ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर “फ्री एंट्री” की घोषणा की और लोगों को विक्ट्री परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद, विराट कोहली का एक वीडियो भी पोस्ट किया गया जिसमें उन्होंने बेंगलुरु के लोगों और RCB फैंस के साथ उत्सव मनाने की बात की। दोपहर 3:14 बजे, RCB ने फ्री पास की जानकारी दी, जो पहले स्पष्ट नहीं थी। -
3 लाख से अधिक लोग जमा हुए
रिपोर्ट में कहा गया है कि RCB की सोशल मीडिया पोस्ट को 44 लाख से ज्यादा बार देखा गया, जिसके कारण 3 लाख से अधिक लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास जमा हो गए। बेंगलुरु मेट्रो के आंकड़ों के मुताबिक, उस दिन 9.66 लाख लोगों ने मेट्रो का उपयोग किया, जो सामान्य दिनों की तुलना में बहुत अधिक था। स्टेडियम की क्षमता केवल 35,000 थी, लेकिन 3 लाख लोग वहां पहुंच गए। इस भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और गेट टूट गए। -
कार्यक्रम क्यों नहीं रद्द किया गया?
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि कार्यक्रम को अचानक रद्द करने से हिंसा भड़क सकती थी और शहर में स्थिति बिगड़ सकती थी। इसलिए, आयोजन को पूरी तरह से रद्द करने के बजाय, आयोजन का समय कम कर दिया गया और सुरक्षा बढ़ा दी गई। यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि बड़े पैमाने पर हिंसा और दंगे न हो।
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