नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीलंका और भारत (Team India) के बीच टाई हुए पहले वनडे में आईसीसी की खेल परिस्थितियों के मुताबिक मैच के आधिकारियों ने सुपर ओवर नहीं कराकर ग़लती की थी। ईएसपीएनक्रिकइंफो को पता चला है कि मैदानी अंपायर जोएल विल्सन और रवींद्र विमलासिरी, साथ ही
रेफ़री रंजन मदुगले, टीवी अंपायर पॉल रीफेल और चौथे अंपायर रूचिरा पल्लीयागुरुगे ने आंतरिक तौर पर स्वीकार किया कि वनडे की खेल परिस्थितियों को ग़लत समझा गया, जिसमें कहा गया है कि जो भी मैच टाई हो, उसमें परिणाम के लिए सुपर ओवर होना होता है। हालांकि इस मामले में इस बात पर कुछ भ्रम था
कि क्या इस दौरे के लिए श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी ) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच हुए समझौता ज्ञापन में सुपर ओवर खेले जाने की अनुमति है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि सभी वनडे मैच जो टाई होंगे, उसमें समय और शर्तें सुपर ओवर कराने की अनुमति देती हैं। मैच टाई होने के बाद
दोनों अंपायरों ने बेल्स गिराई, दोनों में से किसी भी टीम ने सुपर ओवर के बारे में नहीं पूछा, खिलाड़ियों ने एक दूसरे से हाथ मिलाए और पवेलियन चले गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे थे।
आईसीसी की 23 दिसंबर 2023 को जारी हुई वनडे की खेल परिस्थितियों में कहा गया है, “अगर दोनों पारी ख़त्म होने के बाद स्कोर बराबर रहते हैं तो सुपर ओवर होगा। अगर सुपर ओवर भी टाई रहेगा तो तब तक सुपर ओवर होंगे जब तक विजेता ना निकले।
अगर विजेता निकालने के लिए सुपर ओवर या मैच नहीं कराया जा सके तो मैच टाई होगा।” मदुगले, विल्सन और विमलासिरी ने तुरंत सुपर ओवर को लेकर कोई चर्चा नहीं की। बाद में चर्चा के बाद निर्णय हुआ कि अगर तीन मैचों की सीरीज़ में आगे कोई मैच टाई होता है
तो सुपर ओवर कराया जाएगा। उस मैच में 231 रनों का पीछा करते हुए भारत को आख़िरी तीन ओवर में पांच रन चाहिए थे और उनके पास दो विकेट बाक़ी थे। शिवम दुबे ने चौका लगाया लेकिन 48वें ओवर में भारत ने दो लगातार विकेट गंवा दिए और मैच टाई हो गया