IND vs ENG: हेडिंग्ले में हार की वजह बनी गलत टीम चयन नीति?

टेस्ट जैसे फॉर्मेट में जहां संयम और तकनीक की परीक्षा होती है, वहां सुदर्शन की आक्रामकता उनके खिलाफ साबित हुई।

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  • Publish Date - June 25, 2025 / 05:06 PM IST

हेडिंग्ले, लीड्स, इंग्लैंड: India vs England 1st Test में टीम इंडिया को हेडिंग्ले के मैदान पर करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या भारत ने टेस्ट टीम के चयन में गंभीर चूक की है? दरअसल, मौजूदा टेस्ट स्क्वाड में कई ऐसे युवा चेहरे हैं जिन्हें हाल ही में घरेलू क्रिकेट या आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर शामिल किया गया है, लेकिन जब बात रेड बॉल क्रिकेट की आती है, तो इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

साई सुदर्शन, जिन्होंने आईपीएल में बेहतरीन बल्लेबाजी की थी, टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह फ्लॉप रहे। हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में वो शून्य पर आउट हुए, जबकि दूसरी पारी में भी वह बाहर जाती गेंदों के साथ छेड़छाड़ करते नजर आए और जल्दी आउट हो गए। टेस्ट जैसे फॉर्मेट में जहां संयम और तकनीक की परीक्षा होती है, वहां सुदर्शन की आक्रामकता उनके खिलाफ साबित हुई।

वहीं तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा, जिनका सीमित ओवरों में प्रदर्शन सराहनीय रहा है, उन्होंने भी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पहली पारी में 20 ओवर फेंककर उन्होंने तीन विकेट जरूर लिए लेकिन 6.40 की महंगी इकोनॉमी रेट से रन लुटा दिए। दूसरी पारी में भी 15 ओवरों में वही कहानी दोहराई गई और इकोनॉमी 6 से ऊपर रही। इसी वजह से इंग्लैंड ने चौथी पारी में 371 रन का लक्ष्य आराम से हासिल कर लिया।

अब यह बहस तेज हो गई है कि क्या टेस्ट क्रिकेट जैसे गंभीर और तकनीकी फॉर्मेट के लिए खिलाड़ियों का चयन केवल टी20 या वनडे प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए? सीमित ओवरों के मुकाबलों में सफल रहने वाले खिलाड़ी अक्सर टेस्ट में तकनीकी कमजोरी के कारण संघर्ष करते नजर आते हैं।

टीम इंडिया के इस चयन ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या IPL और घरेलू सफेद गेंद क्रिकेट का प्रदर्शन टेस्ट के लिए पर्याप्त मापदंड है? या फिर जरूरत है एक अलग और ज्यादा गंभीर चयन प्रक्रिया की, जो लंबे फॉर्मेट की चुनौतियों के लिए खिलाड़ियों को परखे?