मुंबई: टीम इंडिया के सीनियर तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने लंबे समय से टीम से बाहर रहने और एशिया कप व इंग्लैंड दौरे से बाहर किए जाने को लेकर बीसीसीआई चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर को साफ संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि चयन से उन्हें कोई शिकायत नहीं, लेकिन अगर वे फिट हैं तो मौका दिया जाए, वरना न लिया जाए – उन्हें फर्क नहीं पड़ता।
एक टीवी इंटरव्यू में शमी ने कहा:
“मैंने कभी किसी को दोष नहीं दिया और ना ही शिकायत की कि सेलेक्टर्स मुझसे बात करें या न करें। अगर मैं आपकी योजना में फिट बैठता हूं तो मुझे टीम में लीजिए, नहीं बैठता तो न लीजिए। मुझे कोई आपत्ति नहीं है।”
शमी ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड टूर से पहले वे खुद फिटनेस को लेकर आश्वस्त नहीं थे, इसलिए खुद को पीछे कर लिया था।
“ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले भी दर्द था। मैं मानता हूं कि जब आप उस स्तर पर नहीं हों, जिसकी टीम को ज़रूरत है, तो आपको एक कदम पीछे लेना चाहिए।”
शमी ने कहा कि वे दलीप ट्रॉफी खेलने के लिए तैयार हैं और अगर पांच दिन का क्रिकेट खेल सकते हैं, तो टी20 या किसी भी फॉर्मेट में खेलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
“मैं पूरी मेहनत कर रहा हूं। मैं सभी फॉर्मेट में खेलने के लिए तैयार हूं। मुझे किसी से उम्मीद नहीं, लेकिन खुद की काबिलियत पर भरोसा है। मौका मिला तो पूरा दम लगाऊंगा। चयन मेरे हाथ में नहीं है।”
शमी ने आखिरी बार भारत के लिए मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी में खेला था।
इसके बाद IPL 2025 में भी खेले, लेकिन फिर इंग्लैंड दौरे और एशिया कप की टीम में नहीं चुने गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेलेक्शन से पहले उनसे चर्चा हुई थी लेकिन उन्होंने खुद को पूरी तरह फिट नहीं माना था।