पेरिस, 8 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey) ने कमाल कर दिया है और टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहराते हुए कांस्य पदक जीत लिया है। भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर कांस्य पदक जीता था। इस बार स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। यह ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 13वां पदक था।
टोक्यो ओलंपिक ने भारतीय हॉकी की कहानी बदलकर रख दी है। इस ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष हॉकी टीम 2016 के रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक खेलों में हॉकी टीम ने क्वालीफाई किया, लेकिन ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। भारतीय हॉकी टीम के लिए सबसे खराब पल 2008 में हुई बीजिंग ओलंपिक में आया, जब यह टीम क्वालीफाई तक नहीं कर पाई।
इससे पहले भारत ने हॉकी में मास्को में ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। यह मेडल 1980 में जीता था। इसके बाद भारत को 41 साल तक मेडल का इंतजार करना पड़ा। टोक्यो में मेडल का यह सूखा समाप्त होने के बाद पेरिस में भी एक बार फिर कांस्य पदक जीतकर भारतीय हॉकी टीम पदक की गाड़ी पर सवार हो गई है।
भारतीय हॉकी का ओलंपिक में लगातार मेडल जीतने का स्वर्णिम इतिहास रहा है। भारत ने सबसे पहले एम्सटर्डम में 1928 में हुए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उसके बाद 1932 में हुए लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1936 में बर्लिन में हुए ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर, स्वर्ण पदक की हैट्रिक लगा दी।
इसके बाद अगला गोल्ड मेडल 1948 में लंदन ओलंपिक में आया। इसके अगले ओलंपिक में, यानी 1952 में हुए हेलेंस्की गेम्स में भी हॉकी इंडिया ने गोल्ड मेडल जीता। भारत में इसके अगले ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता जो मेलबर्न में 1956 में आया था। इस तरह से भारत ओलंपिक में गोल्ड मेडल की डबल हैट्रिक लगा चुका है।
भारत को 1960 में रोम में हुए ओलंपिक खेलों में रजत पदक मिला था। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो में 1964 में हुए ओलंपिक खेलों में शानदार वापसी करते हुए फिर से गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद भारत ने 1968 में मैक्सिको सिटी में हुए ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था। म्यूनिख में 1972 में हुए ओलंपिक खेलों में भी भारतीय हॉकी टीम को कांस्य पदक मिला था।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के अभियान की बात करें, तो यह शानदार रहा। हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड को 3-2 से हराकर अपने अभियान की शुरुआत की थी। इसके अगले मैच में अर्जेंटीना के साथ भारत का मैच 1-1 से ड्रॉ हुआ था। इसके अगले ही दिन 30 जुलाई को भारत ने आयरलैंड को 2-0 से हार दी।
लगातार तीन मैचों में अपराजेय रहने के बाद भारत को अपने पूल बी में बेल्जियम के खिलाफ पहली हार का सामना करना पड़ा। बेल्जियम ने भारत को 2-1 से हराया। इस हार के अगले ही दिन भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को ओलंपिक में 52 साल बाद हराते हुए 3-2 से जीत दर्ज की।
भारतीय हॉकी टीम अपने ग्रुप में नंबर दो पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची, जहां उनका मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन के साथ हुआ। यह रोमांचक मुकाबला शूटआउट में गया, जहां भारत को 4-2 से जीत मिली। इसके बाद भारत सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ खेला और एक बढ़िया मैच हुआ। हॉकी इंडिया अपने शानदार खेल के बावजूद दमदार जर्मनी की बाधा पार नहीं कर सकी और यह मैच 2-3 से हार गई।