धोनी की तरह टेस्ट क्रिकेट से विदाई चाहते थे रोहित शर्मा, BCCI ने ठुकराया प्रस्ताव: रिपोर्ट

By : hashtagu, Last Updated : May 21, 2025 | 11:54 am

भारतीय क्रिकेट (Team India) में एक युग का अंत तब हुआ जब रोहित शर्मा ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। अब एक नई रिपोर्ट ने इस फैसले के पीछे की बड़ी वजह का खुलासा किया है। Sky Sports की रिपोर्ट के अनुसार, रोहित शर्मा इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के बीच में ही एमएस धोनी की तर्ज पर संन्यास लेना चाहते थे, जैसा कि धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान किया था। लेकिन BCCI ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

बताया जा रहा है कि चयनकर्ताओं ने रोहित को दौरे पर जाने का विकल्प तो दिया था, लेकिन कप्तान के रूप में नहीं। इस फैसले से असहमत रोहित ने दौरे से पहले ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया। रोहित के इस कदम ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया और कुछ ही दिनों बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सबको हैरान कर दिया।

अब जब दोनों दिग्गज खिलाड़ी टेस्ट टीम से बाहर हो चुके हैं, BCCI के सामने नए कप्तान की तलाश एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चयन समिति ने शुभमन गिल और ऋषभ पंत से अनौपचारिक बातचीत की है और उन्हें कप्तानी की दौड़ में संभावित चेहरों के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि एक चयनकर्ता ने गिल की कप्तानी पर संदेह जताया है क्योंकि उनका स्थान अभी टीम में स्थायी नहीं माना जा रहा। ऐसे में गिल को उप-कप्तानी की भूमिका अधिक उपयुक्त बताई गई है।

भारतीय टीम के नए कप्तान की घोषणा इंग्लैंड दौरे के लिए 23 मई के आसपास हो सकती है। इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में बुमराह और गिल के नाम लगातार चर्चा में बने हुए हैं, लेकिन आधिकारिक रूप से अभी कुछ तय नहीं हुआ है।

इस मुद्दे पर पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि IPL जैसा दबावभरा टूर्नामेंट भविष्य के कप्तानों को तैयार करने के लिए आदर्श मैदान है। उन्होंने कहा कि शुभमन गिल, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे युवा खिलाड़ी नेतृत्व की नई पीढ़ी के मजबूत दावेदार हैं। गावस्कर ने कहा, “इन खिलाड़ियों में धोनी की सोच, रोहित की ठहराव और विराट का आक्रामकपन—all three का मेल है।”

भारतीय क्रिकेट अब एक नए युग की ओर बढ़ रहा है, जहां पुराने दिग्गजों की जगह नए चेहरे नेतृत्व संभालेंगे। लेकिन चुनौती सिर्फ कप्तानी की नहीं, बल्कि उस विरासत को आगे ले जाने की भी है जो रोहित और कोहली जैसे दिग्गज पीछे छोड़ गए हैं।