भारत की ओर से केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रविंद्र जडेजा ने शतक जड़े। राहुल ने 197 गेंदों में 100 रन बनाए, जुरेल ने 210 गेंदों पर 125 रन की पारी खेली और जडेजा 178 गेंदों पर नाबाद 104 रन बनाकर लौटे। इन तीनों बल्लेबाजों की पारियों ने भारत को मजबूती से मैच में पकड़ दिलाई और वेस्टइंडीज पर भारी दबाव बना दिया।
राहुल ने अपनी पारी अपनी नवजात बेटी को समर्पित की, जुरेल ने इंडियन आर्मी को ‘गन सैल्यूट’ दिया, और जडेजा ने अपने ट्रेडमार्क तलवारबाजी अंदाज़ से जश्न मनाया।
जडेजा और जुरेल के बीच 206 रनों की साझेदारी हुई जो भारत की ओर से वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी बनी। यह जोड़ी बस आठ रन से वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गई, जिन्होंने 2002 में ईडन गार्डन में 214 रन जोड़े थे।
पारी घोषित करने के पीछे का मुख्य कारण यह था कि भारतीय गेंदबाज सुबह की ताजगी भरी पिच का फायदा उठा सकें। टेस्ट क्रिकेट में यह रणनीति आम है जब टीम पहले ही एक बड़ी बढ़त हासिल कर चुकी हो और विरोधी टीम को जल्द समेटने का मौका दिखे।
भारतीय टीम ने 128 ओवर में 3.50 की दर से रन बनाए, जिसमें 45 चौके और 8 छक्के शामिल रहे। इनमें से पांच छक्के जडेजा ने एक ही क्षेत्र में लगाए, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।
इस फैसले से साफ है कि टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज पर दबाव बनाए रखने और जीत की संभावना को बढ़ाने के लिए यह रणनीति अपनाई। अब देखना यह होगा कि भारतीय गेंदबाज इस बढ़त को कैसे भुनाते हैं और क्या वे वेस्टइंडीज को फॉलोऑन के लिए मजबूर कर पाते हैं।
