राजधानी भोपाल में 'अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस' के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि चीता प्रोजेक्ट गति पकड़ रहा है।
दो मादा चीते - निरवा और धात्री, रडार से बाहर हो गई थीं और उनके रेडियो कॉलर ने भी काम करना बंद कर दिया था।
कांग्रेस सांसद ने ट्वीट के साथ एक मीडिया रिपोर्ट का लिंक भी पोस्ट किया, जिसमें प्रोजेक्ट चीता के बारे में 'सूचना के प्रसार के लिए प्रोटोकॉल' के बारे में संबंधित अधिकारियों के हालिया 'आदेश' पर प्रकाश डाला गया था।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया है कि कूनो में मादा चीता “आशा“ और “धीरा“ का बोमा में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वर्तमान में दोनों स्वस्थ हैं।
वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में से एक जिसका नाम तेजस है, जो बेहोशी की हालत में मिला था।
एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमारी टीम दो महीने की मादा शावक की मौत के सही कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
दक्षिण अफ्रीका से चीतों का दल लाकर यहां पुर्नवास के प्रयास हो रहे है, उन चीतों में से अब तक तीन चीतों (Cheetah) की मौत हो चुकी है।
रविवार की शाम मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक नर चीता की मौत हो गई है, इससे पहले एक मादा चीता की मौत हुई थी।
चीता शाशा (Cheetah Shasha), जिसे आठ नामीबिया चीतों के पहले बैच में भारत लाया गया था और मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था, उसे सोमवार को मृत घोषित कर दिया गया, अधिकारियों के मुताबिक शाशा की मौत रीनल इंफेक्शन की वजह से हुई है।
एक दशक पहले एक सऊदी राजकुमार द्वारा उपहार में दिए गए 15 वर्षीय नर चीते (Cheetah) की हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।