अयोध्या धाम (Ayodhya Dham) को वैश्विक पटल स्थापित करने की लगातार तैयारी चल रही है। इसी क्रम में अयोध्या के नव्य-भव्य स्वरूप को मूर्त रूप देने के लिए 4115.56 करोड़ रुपये की कुल लागत से 50 मेगा प्रोजेक्ट्स को पूर्ण कर लिया गया है।
भगवान राम की जन्मस्थली और भारतीय सभ्यता के गहरे आध्यात्मिक महत्व का स्थल अयोध्या (Ayodhya) डिजिटल कायाकल्प और तकनीकी उत्कर्ष का अनुभव कर रहा है।
गुरु गोरक्षनाथ, जहां भगवान शिव के अवतार हैं, लिहाजा नाथपंथी योगी शैव मतावलम्बी हैं, लेकिन गोरक्षपीठ में शिव के साथ शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है।
पोस्टमास्टर जनरल मुख्यालय क्षेत्र, लखनऊ, विवेक कुमार दक्ष ने कहा, “अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमान गढ़ी में राम लला सहित विभिन्न मंदिरों में 3,000 से अधिक राखी पहुंचाई गई हैं।
विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की 22 अप्रैल से ही शुरूआत हो चुकी है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन दोपहर 12 बजे हुआ था. इसलिए इस दिन पूजा के लिए दोपहर का समय बेहद ही शुभ माना जाता है.
चारधाम यात्रा (Chardham yatra) से जुड़े कारोबारियों और तीर्थपुरोहितों के मुखर विरोध के चलते उत्तराखंड सरकार श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखने के प्रस्ताव को टाल सकती है।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है और हर माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है. इसके बाद नया माह शुरू होता है.
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग पवित्र तुलसी में रोजाना जल चढ़ाते हैं , मां लक्ष्मी ऐसे लोगों पर बहुत अधिक प्रसन्न होती हैं. इसके अलावा जो लोग शुक्रवार का व्रत रखकर वैभव लक्ष्मी की पूजा करते हैं. मां लक्ष्मी ऐसे लोगों मुरादें पूरी करती हैं.