23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख तिरुवनंतपुरम पहुंचे।
प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की पृष्ठभूमि में शनिवार को बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कमांड सेंटर में वैज्ञानिकों की सभा को संबोधित कर रहे थे।
भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, "चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान -3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत (India) को बधाई।"
लैंडिंग कार्यक्रम की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करने से लेकर प्रार्थनाएं करने और मिठाइयां बांटने तक, मिशन की सफलता पर सबसे ऊंची जयकार उस समुदाय से सुनी जा सकती थी जो दूर होकर भी देश के करीब है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक को रोवर के पहियों पर उकेरा गया है, ताकि जब यह चारों ओर घूमे तो अपनी छाप छोड़ सके।
आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान - सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला - श्रीहरिकोटा में भारत के रॉकेट पोर्ट पर है और प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों के सामर्थ्य पर खुशी जताते हुए इसे भारत के लिए ऐतिहासिक और समृद्ध कदम बताया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने आईएएनएस को बताया, "जैसा कि मूल योजना थी, बुधवार शाम को लैंडिंग की पुष्टि हो गई है।"
अंतरिक्ष यात्रा के लिए सोवियत इंटरकोसमोस कार्यक्रम सोयुज टी-11 से 3 अप्रैल 1984 को उड़ान भरने वाले शर्मा ने कहा, "पिछले 40 वर्षों में सीमित संसाधनों के बावजूद इसरो ने एक शानदार यात्रा की है।
22 अगस्त मंगलवार को शासकीय दानी गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल (Government Dani Girls Higher Secondary School) में दोपहर 3.00 बजे से पं. रविशंकर..