बस्तर में पर्यटन और विकास को लेकर प्राधिकरण की बैठक: नई योजनाओं पर हुआ मंथन, मुख्यमंत्री ने शांति और विकास के लिए दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा "सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम" के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित धूड़मारास गांव के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की।

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  • Updated On - November 18, 2024 / 07:50 PM IST

बस्तर : चित्रकोट में बस्तर क्षेत्र (Bastar region) आदिवासी विकास प्राधिकरण की पहली बैठक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में बस्तर अंचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म कॉरिडोर बनाने और चिन्हित स्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति तैयार की गई। साथ ही, बस्तर में एनएमडीसी द्वारा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने “सौर समाधान” और “मनो बस्तर” ऐप लॉन्च किया और सौर ऊर्जा संचालित पॉवर बैंक का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम” के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान स्थित धूड़मारास गांव के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह चयन बस्तर के लिए गर्व की बात है, क्योंकि 60 देशों के 20 गांवों में भारत का यह गांव भी शामिल हुआ है।

बस्तर और सरगुजा के विकास पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण की बैठक में कहा कि उनकी सरकार बस्तर और सरगुजा के विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है और सीएसआर मद का भी उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि “डबल इंजन” की सरकार जनजातीय समुदायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

माओवादी आतंकवाद खत्म करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादी आतंकवाद को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में राज्य में बेहतरीन काम हो रहा है, जिससे माओवादी गतिविधियां छोटे क्षेत्रों तक सीमित हो गई हैं। बस्तर में पूर्ण शांति और लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने के लिए नागरिकों के विश्वास को बढ़ाने का संकल्प लिया गया है।

नियद नेल्ला नार योजना के तहत विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत अंदरूनी गांवों में सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल, अस्पताल, पेयजल, बिजली और मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं पहुंचाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 34 नए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं। साथ ही, केशकाल घाट सुधार कार्य को जल्द पूर्ण करने और देवगुड़ी, मातागुड़ी के अपूर्ण कार्यों को डेढ़ महीने में पूरा करने के निर्देश दिए।

मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के सुझाव

बैठक में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर बस्तर और सरगुजा के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। वन मंत्री ने मत्स्य पालन, डेयरी उद्यमिता, और किसानों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने के सुझाव दिए। वित्त मंत्री ने क्षेत्र में होटल मैनेजमेंट संस्थान, नर्सिंग कॉलेज और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने शिक्षा और उद्यमिता के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बताया कि प्रभावित गांवों में आधारभूत सुविधाओं को पहुंचाने के लिए 95 गांवों में सर्वेक्षण किया जा रहा है। कांकेर कलेक्टर ने बताया कि रावघाट परियोजना के तहत प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है, और बीएसपी ने 153 युवाओं को रोजगार प्रदान किया है।

बैठक में बस्तर संभाग के सभी मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विकास के प्रति सभी ने एकजुटता दिखाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।