आखिर क्यों मचा ‘EOW में FIR’ पर सियासी घमासान! कांग्रेस-BJP में छिड़ी जुबानी जंग

मोदी के गारंटी में एक वादा था कि सभी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच राज्य सरकार कराएगी। इसके लिए आयोग के गठन का दावा था।

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  • Updated On - January 30, 2024 / 02:29 PM IST

रायपुर। मोदी के गारंटी में एक वादा था कि सभी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच राज्य सरकार कराएगी। इसके लिए आयोग के गठन का दावा था। लेकिन भले ही इसका स्वरूप नहीं बन पाया हो,लेकिन EOW में ईडी की जांच प्रतिवेदन (ED investigation report in EOW) के आधार पर डीएमएफ फंड और कस्टम मिलिंग में आईएएस अधिकारी और कारोबारियों सहित कई विधायकों और मंत्रियों पर एफआईआर (FIR) दर्ज किया गया है। जिसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। बीजेपी ने पलटवार में कहा कि पेड़ बबूल के लगाए तो आम कहां से आएगा सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डीएमएफ पर निर्णय लेने का अधिकार जिलाधीशों के पास था, तो भाजपा बताएं कि कितने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ ये एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं। सुशील शुक्ला ने कहा कि इन दिनों जो ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है, उससे साफ हो रहा है कि यह कार्रवाई बदलापुर की कार्रवाई है। बीजेपी की सरकार को बने सवा महीने से अधिक का वक्त हो चुका है। पर ये नई सरकार मोदी की गारंटी पर कोई फैसला नहीं ले पा रही है।

  • कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की कोशिश

  • ये ना धान खरीदी के बारे में 3100 देने के बारे में कोई बात कर रहे हैं, ना ही महतारी वंदन योजना के बारे में कोई निर्णय ले पा रहे हैं और ना ही गैस-सिलेंडर के बारे में कोई निर्णय ले पा रहे हैं। जनता का ध्यान भटकने के लिए पिछली सरकार को बदनाम करने उद्देश्य से इस तरह के एफआईआर दर्ज करवाए जा रहे हैं।
  • बीजेपी प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता का पलटवार! कहा, कांग्रेस के ही विधायक लगाए थे विधानसभा में मुद्दा

बीजेपी नेता केदार गुप्ता ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि 9 करोड़ और कई करोड़ रुपए का डीएमएफ में घोटाला हुआ है। ये सारे आरोप खुद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने विधानसभा में लगाए थे।

खाद्य मंत्री ने भी शॉर्टेज की बात की थी स्वीकार

उसे तत्कालीन खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी विधानसभा में स्वीकार भी किया था कि हां चावल का शॉर्टेज हुआ है। अगर वाक्य में शॉर्टेज और घोटाला हुआ है, तो क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए। अब जब जांच हो रही है तो कांग्रेसी उसे राजनीतिक रूप दे रहे हैं। कांग्रेस ने जो किया है उसे वह भरना तो पड़ेगा। जब पेड़ बबूल का लगाया तो आम कहां से आएगा।

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