रांची, 11 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में झारखंड (Jharkhand in the fourth phase) की जिन चार सीटों पर 13 मई को मतदान (Voting on 13th May) होने वाला है, उनमें से तीन खूंटी, सिंहभूम और पलामू में एनडीए और ‘इंडिया’ ब्लॉक के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है। लोहरदगा में ‘इंडिया’ गठबंधन से बागी होकर बतौर स्वतंत्र प्रत्याशी मैदान में उतरे झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
इस बार अर्जुन मुंडा ने पिछली जीत के फासले को बड़ा करने के लिए पूरी ताकत झोंकी है, तो दूसरी ओर कालीचरण मुंडा ने भी पिछले चुनाव में रह गए फासले को पाटकर संसद में पहुंचने की कोशिश में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। झामुमो के कोलेबिरा इलाके के पूर्व विधायक बसंत लोंगा निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं, जबकि खूंटी के बहुचर्चित पत्थलगड़ी आंदोलन की लीडर रहीं बबीता कच्छप भारत आदिवासी पार्टी की प्रत्याशी के तौर पर उतरी हैं। इन दोनों को उनके खास प्रभाव वाले क्षेत्रों में मिलने वाले वोटों से समीकरणों पर थोड़ा-बहुत असर तो जरूर पड़ रहा है, लेकिन आखिरकार यहां लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है।
इस फेज की दूसरी जिस सीट पर सबकी निगाहें हैं, वह है सिंहभूम। यह भी एसटी के लिए आरक्षित सीट है। यहां दो कद्दावर महिला लीडर भाजपा की गीता कोड़ा और झामुमो की जोबा मांझी के बीच मुकाबला है।
झारखंड के मौजूदा सीएम चंपई सोरेन भी सिंहभूम से आते हैं, इसलिए यह सीट उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल मानी जा रही है। यहां गीता कोड़ा के लिए पीएम मोदी और जोबा मांझी के लिए राहुल गांधी की रैलियां हुई हैं।
अनुसूचित जाति के लिए झारखंड में एक आरक्षित सीट पलामू में भाजपा के मौजूदा सांसद झारखंड के डीजीपी रह चुके विष्णु दयाल राम तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं और हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मुकाबला राजद की ममता भुइयां से हो रहा है। इंडिया गठबंधन के तहत झारखंड की यह एकमात्र सीट है, जहां राजद का प्रत्याशी है।
बहुजन समाज पार्टी के टिकट से मैदान में उतरे पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुकाबला सीधे भाजपा और राजद के प्रत्याशी के बीच है।
लोहरदगा सीट पर भी भाजपा का 2009 से कब्जा बरकरार है, लेकिन पार्टी ने यहां लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले सुदर्शन भगत की जगह इस बार भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव को मैदान में उतारा है। समीर उरांव हाल तक राज्यसभा के सदस्य थे।