बारनवापारा अभ्यारण्य : बाघ के ‘खूनी पंजों’ से बचने ‘अनूठी’ पहल! जानिए, क्या मिले टिप्स

By : hashtagu, Last Updated : August 28, 2024 | 10:47 pm

  • बारनवापारा अभ्यारण्य एवं सीमावर्ती वनक्षेत्रों में विवरण कर रहे बाघ एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं निगरानी के संबध में चरवाहा सम्मेलन का किया गया आयोजन
  • रायपुर ,28 अगस्त 2024/ विगत 06 माह से जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के अंतर्गत विचरण कर रहें बाघ (Tigers roaming) के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आज वनमंडल स्तरीय चरवाहों का एक दिवसीय सम्मेलन सह कार्यशाला बारनवापारा अभ्यारण्य (Baranwapara Sanctuary) में आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपवनमंडलाधिकारी कसडोल आई.एफ.एस अक्षय दिनकर भोसले के द्वारा पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बाघ के व्यवहार एवं अन्य गतिविधियों के बारे में बारीकी से विस्तृत जानकारी साझा किया गया। उनके द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र में की जाने वाली गतिविधियों, ट्रैकिंग के संबंध में निर्धारित स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर एवं विचरण क्षेत्र में विभिन्न वन्यप्राणियों के खान-पान और व्यवहार के बारे में विस्तार से चर्चा कर जानकारी दी गई।

    Barnva Para

    वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल के द्वारा विगत लगभग 06 माह से क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघ के संबंध में विस्तृत जानकारी साझा किया गया। मॉनिटरिंग हेतु वनमण्डल अंतर्गत 250 ट्रैप कैमरा के मदद से बाघ विचरण की सतत् निगरानी की जा रही है। बाघ की सुरक्षा हेतु विशेष स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाघ निगरानी दल बनाया गया है। वनक्षेत्रों में किसी भी प्रकार से जनहानि, जनघायल, पशुहानि, फसल हानि, एवं अन्य सम्पत्ति की क्षति होने पर तत्काल सूचित करने तथा अवैध शिकार एवं वन्यप्राणियों की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल वन विभाग को सूचित करने हेतु कार्यशाला में उपस्थित चरवाहों तथा ग्रामीणों से अपील किया गया।

    • इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा वन्यप्राणियों के द्वारा किये गये जनहानि पर 6 लाख लाख रू., पूर्ण रूप से अपंगता होने पर 2 लाख रू., सामान्य जन घायल पर 5 लाख 91 हजार रूपये , पशु हानि होने पर अधिकतम 30 हजार रू. तथा फसल, मकान एवं अन्य क्षति होने पर मुल्यांकन अनुसार क्षतिपूर्ति राशि शासन द्वारा प्रदान की जाने की जानकारी दी गई । वनक्षेत्रों में अवैध शिकार, बिजली हुकिंग तथा अन्य अवैध गतिविधियों की जानकारी होने पर वन विभाग को प्राथमिकता से सूचित करने पर वन विभाग के द्वारा प्रदाय किये जाने वाली गोपनीय पुरूस्कार राशि से अवगत कराया गया। ग्रामीणों को वन विभाग से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या हो तो सुविधानुसार निकटम वनाधिकारी / जांच नाकों में सूचित करने हेतु अह्वान किया गया ताकि, त्वरित कार्यवाही कर समस्यों का निराकरण किया जा सके।

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