बागेश्वर धाम सरकार ‘पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी’ का बड़ा खुलासा! बताए ‘सनातन धर्म क्या है’ पुस्तक लिखने के कारण

By : madhukar dubey, Last Updated : February 4, 2024 | 4:48 pm

छत्तीसगढ़ डेस्क। बागेश्वर धाम सरकार पंडित श्री धीरेंद्र शास्त्री जी (Bageshwar Dham Government Pandit Shri Dhirendra Shastri Ji) ने अपने ‘सनातन धर्म क्या है’ पुस्तक (What is Sanatan Dharma book) के मूलभाव को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए। अपनी आत्मकथा के निमित्त उनका संदेश उनके एक्स ट्विटर पर पोस्ट हुआ। जिसमें, लिखा है पूज्य “सरकार” का संदेश…

इस पुस्तक का बीजारोपण एक घटना के कारण हमारे मन में हुआ । एक बच्चे को हमने बहुत क़रीब से देखा जिसका परिवार संस्कारमय था, पूरा परिवार बहुत अच्छा था, लेकिन उसके बहक जाने के बाद, दूसरे मज़हब में जाने के बाद माता पिता ने रोकर जो घटना बतायी उसके बाद हमारे अंदर गुरुप्रेरणा से एक भाव जाग्रत हुआ कि उस बच्चे को मिली संगत ने उसका दिमाग़ बदल दिया कहीं हमारा सनातन धर्म पूरा न बदल जाए । जब हमने उस बच्चे से पूछा कि सनातन धर्म में क्या कमी है जो तुमने मज़हब को बदला तो वो जवाब नहीं दे पाया । वो बोला कि हमें पता ही नहीं कि सनातन धर्म में विशेषताएं क्या हैं ? तब फिर हमारी उससे बात हुई ।

Bageshavr Dham

वर्तमान में जो गुरुप्रेरणा लगी, उसको हमने समझाया बताया तो भगवत्-कृपा से वह सनातन की ओर है । और बहुत जल्दी ही सनातन धर्म में होगा । इसलिए प्रत्येक पाठक के लिए यह पुस्तक आवश्यक है । उस बच्चे को मिली संगत ने उसके दिमाग़ को ऐसा बदला, जिसने हमारे दिल को झकझोर दिया । और हमें लगा कि हमें पूरे देश के बच्चों को, जो हमारा ही परिवार है, उन्हें कुछ ऐसा सौंपना चाहिए जिससे बच्चों को पता हो कि हमारा सनातन धर्म क्या है । यदि कोई उनसे पूछे तो उसका मुंहतोड़ जवाब होना चाहिए हमारे प्रत्येक सनातनी बच्चे के पास । उन लोगों के लिए मुँह तोड़ जवाब होना चाहिए जो सनातन धर्म के विषय में दुष्प्रचार करते हैं, इसे अन्य मज़हबों की तुलना में कमतर बताते हैं । मैं अपने सारे बच्चों को यह पुस्तक सौंप रहा हूं, ताकि यह पुस्तक उनको जीवन भर काम आएगी, और वे अपनी सनातन संस्कृति को समझ पाएंगे ।

  • मेरे बच्चों ! वर्तमान परिस्थितियां बहुत विचित्र हैं, भौतिकवाद का युग है । संसाधनों के पीछे व्यक्ति भाग रहा है, साधनों के पीछे भाग रहा है । समाज साधनाहीन होता जा रहा है । ऐसी परिस्थियों में पाश्चात्य संस्कृति ने हमारे भारत के बच्चों के मन-मस्तिष्क को बदल के रख दिया है । आजकल साधन के युग में, साधन को पकड़ कर, धन-संपत्ति, अमीरी पाकर, बच्चे बड़े तो हो रहे हैं लेकिन संस्कारहीन हो रहे हैं । उनमें न तो प्रेम है, न करुणा है, न शांति है, न मोक्ष की कामना है । और जब दूसरे मज़हब का कोई व्यक्ति नये रूप में उनके सामने कुछ बोलता है, या सनातन धर्म को नीचा दिखाता है और अपने और अपने मज़हब को ऊँचा बताता है तो या तो हमारे बच्चों के पास कोई उत्तर नहीं होता है, कि सनातन धर्म क्या है, इसमें ग्रंथ कितने हैं, हमारे सनातन धर्म में भगवान् कौन हैं, हमारे सनातन में भगवान् की महिमा क्या है, हमारे सनातन का उद्देश्य क्या है, यह कब बना या सनातन धर्म की हमारे जीवन में क्या भूमिका है ।

जब हमारे बच्चों को पता नहीं होता तो या तो वे बहक जाते हैं, दूसरे मज़हबों को स्वीकार कर लेते हैं, या फिर चुप होके, मन हीन करके घर लौट आते हैं । इसी बात को दृष्टिकोण में रखते हुए, मेरे प्यारे बच्चों ! हमने आपके लिए इस पुस्तक में कोशिश कर इतना समावेश किया है कि आपको इतना पता हो जाए कि सनातन धर्म क्या है । इसके कितने ग्रंथ हैं । कितने महापुरुष हो चुके हैं । हमारे तीर्थ स्थल कितने हैं । और सनातन धर्म की भूमिका क्या है । सनातन धर्म की अन्य मज़हबों से तुलना क्या है ।

इस पुस्तक को लिखते समय हमने यह ध्यान दिया है कि हमारे सभी पाठकों तक सनातन धर्म की संक्षिप्त और तथ्यपूर्ण जानकारी पहुँचे । इसलिये हमने सनातन धर्म के ग्रंथों का, सनातन के हमारे महापुरुषों का, सनातन के सिद्धांतों का, सनातनियों के लक्षणों का परिचय दिया है । मेरे प्यारे-प्यारे बालक-बालिकाओँ ! इस पुस्तक को ध्यानपुर्वक हमारे सभी विद्यार्थी पढ़ें । और उनके माता-पिता भी इस बात का ध्यान रखें कि वे अपने बच्चों को यह पुस्तक कम-से-कम एक बार अवश्य आरंभ से अंत तक पूरी पढ़ाएं । ताकि वे सनातन धर्म की एक संक्षिप्त और तथ्यात्मक जानकारी अपने पास रख सकें।

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