रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने मंगलवार को 25 जून, 1975 को देश पर थोपे गए आपातकाल की ज्यादतियों और यंत्रणा की देश को एक बार फिर याद दिलाकर संविधान और लोकतंत्र के नाम पर पाखंड रच रही कांग्रेस के असली राजनीतिक चरित्र को बेनकाब करने ‘आपातकाल का काला दिवस’ (Black day of emergency) आयोजित किया। कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जिन्होंने कठोर यातनाये झेली भारतीय जनता पार्टी ने आज देशभर में उनका सम्मान किया। भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर छत्तीसगढ़ में भी भाजपा द्वारा सभी जिलों केंद्रों में 25 जून को आपातकाल का काला दिवस का आयोजन रखा गया। कांग्रेस की सत्ता की लालसा के चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा न्यायालय आदेश के बाद भी प्रधानमंत्री की कुर्सी न छोड़ देश को 1975 से 1977 तक 21 माह की अवधि में आपातकाल लगा संविधान की हत्या कर विपक्ष एवं मीडिया को कुचलकर लोकतंत्र समाप्त कर तानाशाही राजतंत्र का काम किया। उस काले अध्याय को देश की जनता को स्मरण कराने भाजपा ने प्रतिवर्ष की तरह यह काला दिवस मनाया।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि भाजपा 25 जून को पूरे देश में आपातकाल को काला दिवस के रूप में मनाती है। आज ही के दिन सन 1975 में तात्कालिक प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने पूरे देश में आपातकाल लागू किया था। आज ही के दिन लोकतंत्र की हत्या की गई थी और आज वही कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की दुहाई देते हैं। संविधान को लेकर हाथ में लेकर खड़े होते हैं। आज कांग्रेस पार्टी किसी भी संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा एवं विश्वास नहीं करती है। चाहे हाई कोर्ट हो या फिर सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस पार्टी को किसी भी न्यायालय पर भरोसा नहीं है। चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अनुसार सब काम हो जाए तब तक अच्छा है लोकतंत्र बचा हुआ है और जब कांग्रेस की किसी प्रदेश में सरकार नहीं बना पाएं और कहीं चुनाव नहीं जीत पाएं तो वहां पर कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की हत्या बताती है। वास्तव में लोकतंत्र की हत्या करने का काम तो सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि 1975 में जिस तरीके से आपातकाल ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया था और सब की मौलिक अधिकारों का हनन कर दिया गया था। उस समय लोकतंत्र कहां गया था। लोकतंत्र की दुहाई देने वाले उस बात को भूल गए हैं क्या? कांग्रेस के कार्यकाल में किस तरीके से प्रेस पर पाबंदी लगा दी गई थी। विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। विपक्षी दलों के नेताओं को रात में घरों से पीटते एवं घसीटते हुए निकलकर कारागार में बंद कर दिया गया था।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सन 1975 में देश पर आपातकाल थोपकर तत्कालीन इंदिरा सरकार ने जिस प्रकार से लाखो निरपराध लोगों को जेल में डाला, न्यायपालिका और मीडिया के अधिकारों को नियंत्रित करने का काम किया, अपने विरोधियों को जेल में डालकर उन्हें प्रताड़ित करने का काम किया, आज 50 साल बाद यह देश उस काला दिवस को न तो भूल पाया है और न कभी भूल पाएगा। श्री साव ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने का काम करती रही है और आज भी कांग्रेस अपने इसी राजनीतिक चरित्र के साथ राजनीति कर रही है। कांग्रेस को न तो देश के संविधान पर भरोसा है और न ही देश की संवैधानिक संस्थाओं पर। सत्ता हासिल करने और उस पर काबिज रहने के लिए, अपने राजनीतिक सत्ता-स्वार्थ के लिए कांग्रेस ने हमेशा संविधान एवं संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर उसे तोड़ने का काम किया है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की समाहक पार्टी है और कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र को समाप्त करने वाली पार्टी है। सन 1975 में लोकतंत्र का दमन किया गया था वह आज तक लोगों को याद है। तत्कालीन सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर दमनात्मक कार्यवाही की थी। प्रदेश की पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी दमनात्मक कार्यवाही कर मीसा बंदियों बंधिया को दी जाने वाली आर्थिक सहायता बंद कर दिया। प्रदेश में नई सरकार बनते ही विष्णु देव साय जी की सरकार बनते ही 5 साल की पूरी राशि के देकर उनको सम्मानित किया गया। मीसाबंदी वे लोग हैं जिन्होंने आपातकाल के दौरान चिराग हाथ में लेकर के दौड़ लगाई थी जब देश में लोकतंत्र का गला घोट जा रहा था और दमनात्मक कार्यवाही की जा रही थी और देश में आपातकाल की काली छाया थी।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आपातकाल के बारे में भाजपा आपातकाल की घटना को देश की जनता की जानकारी में आए इसलिए भाजपा काला दिवस के रूप में मनाती है। कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की बड़ी बड़ी दुहाई देती है लोकतंत्र के ऊपर खतरा है कहकर कांग्रेस पार्टी देश को गुमराह करने का काम किया। कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कांग्रेस के शहजादे देश भर में घुम-घुमकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके सरकार के बारे में जनता के बीच अफवाह फैलाने का प्रयास किया। कांग्रेस पार्टी ने कभी नारा दिया देश खतरे में है तो कभी कहा गया कि संविधान खतरे में है तो कभी एसटी, एससी, ओबीसी का आरक्षण खत्म होने वाला है ऐसा नारा कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि आपातकाल को लेकर भाजपा का पूरे देश भर में आज काला दिवस माना रही है। इसके माध्यम से हम देश की जनता को आपाताकाल के काले अध्याय सन् 1975 के अन्याय एवं अत्याचार से अवगत करा रहे है।
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सन 1975 में लागू किए गए आपातकाल को हम कल दिवस के रूप में मनाते हैं। तात्कालिक प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार बचाने के लिए देश में आपातकाल लागू किया था। इलाहाबाद की कोर्ट ने उनके चुनाव को निरस्त कर दिया था इसलिए उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए संविधान में संशोधन कर दिया। धारा 40 के तहत जिस प्रकार से उन्होंने मीडिया को बोलने की अनुमति नहीं दी थी और न ही उन्हें कोई छापने की अनुमति दी थी। मीडिया की स्वतंत्रता को छीन लिया। मीडिया के कई साथियों को जेल में बंद कर दिया गया। तत्कालीक प्रधानमंत्री ने संविधान में संशोधन करते हुए प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को उनके कार्यकाल के पहले या उसके दौरान किए गए कार्यों के लिए नागरिक या आपराधिक कार्यवाही से संरक्षित किया गया। अगर प्रधानमंत्री रहते हुए वह कोई गलती करते है, कोई अपराध करते है, भ्रष्टाचार करते हैं तो वे जेल के अंदर नहीं जा सकते।
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