CG-Lok Sabha Story : कांग्रेस ‘6 धाकड़’ उम्मीदवार! ‘भूपेश राजनांदगांव’ से…!…इसकी बड़ी सियासी वजह
By : hashtagu, Last Updated : March 8, 2024 | 8:36 pm
- इसी तरह कोरबा सीट से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को फिर प्रत्याशी बनाने पर सहमति बनी है। दुर्ग से राजेन्द्र साहू के नाम पर मुहर लगी। महासमुंद सीट से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को चुनाव मैदान में उतारा गया है। इसी तरह जांजगीर-चांपा सीट से पूर्व मंत्री डॉ. शिव डहरिया के नाम पर मुहर लग गई है। जांजगीर- शिव डहिरया, कोरबा-ज्योतस्ना महंत, राजनांदगांव -भूपेश बघेल, रायपुर-विकास उपाध्याय, महासमुंद -ताम्रध्वज साहू, दुर्ग से राजेद्र साहू के नाम घोषित कर दिए है।
राजनांदगांव से भूपेश बघेल क्यों?
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के हिसाब से कांग्रेस के लिए ये मजबूत सीट है। भूपेश बघेल कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे हैं, जो ओबीसी वर्ग से आते हैं और राजनांदगांव ओबीसी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां से बीजेपी ने सामान्य जाति के उम्मीदवार संतोष पांडेय को मैदान में उतारा है, जो इस समय इस सीट से मौजूदा सांसद भी हैं। जातिगत समीकरण और भूपेश की लोकप्रियता को भुनाने के लिए कांग्रेस राजनांदगांव से बघेल को उम्मीदवार बनाया है।
जांजगीर में शिव डहरिया पर दांव खेलने की वजह
- विधानसभा के नतीजों के आधार पर जांजगीर लोकसभा इस समय कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत सीट है। इस समय इस लोकसभा की सभी सीटें कांग्रेस के पास है। जांजगीर लोकसभा सीट SC वर्ग के लिए आरक्षित है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया SC समाज से ही आते हैं। पूर्व मंत्री रहने और अनुभव के आधार पर डहरिया को जांजगीर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। डहरिया हमेशा आरंग से विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। बीजेपी ने इस बार मौजूदा सांसद गुहाराम अजगले की टिकट काटकर कमलेश जांगड़े को प्रत्याशी बनाया है।
दोबारा ज्योत्सना महंत को कोरबा मिला टिकट
ज्योत्सना महंत कोरबा की मौजूदा सांसद हैं। ज्योत्सना महंत के पति चरणदास महंत सक्ति विधानसभा क्षेत्र से विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। ऐसे में क्षेत्र में महंत परिवार की अच्छी पकड़ है, लेकिन यहां से बीजेपी ने सरोज पांडेय को टिकट देकर चौंका दिया है। सरोज पांडेय अब तक दुर्ग से ही चुनाव लड़ती रहीं है। ऐसे में कोरबा लोकसभा क्षेत्र उनके लिए नया है।
रायपुर से विकास उपाध्याय मिला टिकट, इसके सियासी मायने
- रायपुर लोकसभा क्षेत्र में विकास उपाध्याय कांग्रेस का जाना-पहचाना चेहरा है। विधानसभा चुनाव में रायपुर पश्चिम से भले ही विकास को हार मिली हो लेकिन कोई बड़ा विवाद उनके साथ नहीं जुड़ा रहा। वहीं हार के बाद भी विकास लगातार जमीनी स्तर पर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी ने प्रदेश में सबसे ज्यादा लीड से विधानसभा चुनाव जीतने वाले नेता बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। इसलिए उनके सामने सामान्य वर्ग के नेता विकास उपाध्याय को कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है।
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