CG-Political Story : ‘हसदेव अरण्य’ पर छिड़ी सियासी जंग! ‘कांग्रेस-BJP’ में एक-दूसरे पर निशाना
By : hashtagu, Last Updated : December 30, 2023 | 9:09 pm
रायपुर। हसदेव अरण्य (Hasdev Aranya) क्षेत्र में जंगलों की कटाई तत्काल रोकने और खदान की नीलामी को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज (State Congress President and MP Deepak Baij) ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के संरक्षण में अडानी की कंपनी हसदेव अरण्य में जंगलों की कटाई कर रहा है। हसदेव को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे आदिवासियों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पुलिस गिरफ्तार कर जेल में बंद कर रही है, उन्हें डराया जा रहा है, धमकाया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है राज्य का मुखिया आदिवासी होने के बावजूद भी आदिवासियों की मांग को सुना नहीं जा रहा है। वन मंत्री केदार कश्यप को फाइल देखने की आवश्यकता नहीं है, कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित कर हसदेव अरण्य क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा कोल खनन के लिए जो नीलामी किया गया है उसे निरस्त करने की मांग की गई है। कांग्रेस के सरकार ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में वन कटाई पर कड़ाई से रोक लगाई थी, भाजपा के सरकार बनते ही अडानी सरकारी बंदूक के नोक पर आदिवासियों को डरा धमका कर जंगलों को काट रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार अडानी के हितों को सवंर्धित करने के लिये राज्य के जल, जंगल, जमीन खनिज संपदा को अडानी को सौपना शुरू कर दिया गया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू की जा चुकी है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके है। यहां पर कटाई के लिये आदेश और पर्यावरण स्वीकृत केंद्र की मोदी सरकार ने दिया था तब कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य के स्तर पर निरस्त कर दिया था तथा केंद्र में भी इसे निरस्त करने के लिये पत्र लिखा था।
- 31.10.2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा से भी कांग्रेस सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों को निरस्त किया जाये।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते किसी के आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद अडानी को फायदा पहुंचाने पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है।
खदान के नाम सियासी खेल शुरू
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कह चुके हैं, कि कांग्रेस की सरकार में पेड़ों के कटाई की इजाजत मिली थी। साय ने पेड़ों की कटाई का जिम्मेदार भी कांग्रेस को ठहराया है।
इधर, विष्णुदेव के आरोपों पर कांग्रेस की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और विकास उपाध्याय ने कहा था कि बीजेपी के अारोप निराधार है। बीजेपी को चाहिए कि खदान के नाम पर पेड़ों की कटाई तुरंत रोके। पेड़ों की कटाई किए जाने से हसदेव नदी के कैचमेंट एरिया पर भी इसका बड़ा असर पड़ेगा, हसदेव नदी पर निर्मित प्रदेश के सबसे ऊंचे मिनी माता बांगो बाध से बिलासपुर, जांजगीर-चाम्पा और कोरबा के किसानों को पानी मिलता है। जंगल में हाथी समेत 25 से ज्यादा जंगली जीव रहते हैं। हसदेव करीब 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में फैला है। हसदेव नदी का पानी जब स्टोर नहीं हो पाएगा। तब इंसान और जंगली जीव दोनों मुश्किल में पड़ जाएंगे।
हसदेव के जंगल को जैव विविधता के लिए भी जाना जाता है। जंगल से सटे और आसपास के इलाकों में गोंड, लोहार, उरांव, पहाड़ी कोरवा जैसी आदिवासी जातियों को 10 हजार लोगों का घर है। भूगोल के जानकारी इस जंगल को मध्य भारत का फेफड़ा भी मानते हैं। जंगल के कटने से पर्यावरण संतुलन तो बिगड़ेगा ही 10 हजार लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। करीब 2 हजार वर्ग किलोमीटर जो हाथी रिजर्व क्षेत्र है उस पर आफत मंडराने लगेगा। हाथियों और इंसानों के बीच टकराव की घटनाएं भी बढ़ेंगी।
हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई, कांग्रेस ने बनाई 8 सदस्यीय जांच कमेटी
हसदेव अरण्य में कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई का मामला छत्तीसगढ़ में गरमाने लगा है। हसदेव क्षेत्र में पेड़ों की कटाई मामले में कांग्रेस ने 8 सदस्यीय जांच समिति गठित की है। पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी और पीसीसी चीफ को रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच कमेटी में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक डॉ. प्रीतम राम, गुलाब कमरो के साथ ही कांग्रेस नेता शफी अहमद, राकेश गुप्ता और भगवती राजवाड़े शामिल हैं. यह कमेटी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी और जांच कर पीसीसी अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी।
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