Chhattisgarh : मछली पालन विभाग में 2 करोड़ का घोटाल! सहायक संचालक गईं जेल
By : hashtagu, Last Updated : July 28, 2024 | 4:38 pm
- पूर्व में राजनांदगांव में पदस्थ रहीं सहायक संचालक गजभिए पर आरोप है कि उन्होंने सप्लायरों के साथ मिलकर सरकारी रकम का गबन किया है। उन्होंने हितग्राहियों की बजाए इस राशि को केज बेचने वाली 3 फर्मों के खाते में ट्रांसफर कर दिया था।
ऐसे हुआ था घोटाले का खुलासा
- इस घोटाले का पता तब चला जब संबंधित हितग्राहियों को केज का किराया जमा करने का नोटिस जारी किया गया। तहकीकात में पता चला कि ऐसा कई ग्रामीणों के साथ किया गया, और उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं थी। इसी मामले का TRP NEWS द्वारा खुलासा किये जाने के बाद जांच हुई और लगभग सवा दो करोड़ की गड़बड़ी उजागर हुई। इस बीच मामले में दोषी सहायक संचालक गीतांजली गजभिये का इसी पद पर धमतरी तबादला कर दिया गया।
इनके खिलाफ दर्ज है FIR
इस घोटाले की जांच पूरी होने के बाद केज खरीदी में हुए फर्जीवाड़े के मामले में सहायक संचालक गजभिए के अलावा सप्लायर फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर, एसएस एक्वाकल्चर, पथर्री फिंगेश्वर राजिम व एसएस एक्वाफिड झांकी रायपुर के संचालकों को भी इस प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। इन तीनों फर्म में ही हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर की गई थी। पुलिस तीन फर्मों को लेकर भी जांच जारी होने का दावा कर रही है। मामले में आगे और भी गिरफ्तारियां की जाएंगी।
विधानसभा सत्र के ठीक पहले कार्यवाही
- करोड़ों के इस घोटाले में जांच के बाद मछली पालन विभाग ने मामले में FIR दर्ज कराते हुए गेंद पुलिस के पाले में डाल दी और विभागीय तौर पर सहायक संचालक गजभिये के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की। मगर जैसे ही इस मामले को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में एक सदस्य ने सवाल पूछा तब आनन-फानन में गीतांजली गजभिये के निलंबन की कार्यवाही की गई। बता दें कि यह कार्रवाई गजभिये के खिलाफ FIR दर्ज कराने के 15 दिनों बाद की गई, जबकि वह सब पहले हो जाना था। बहरहाल मामले में सप्लायरों के खिलाफ कार्रवाई की बारी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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